सिमरिया गंगा घाट में की गयी पूजा-अर्चना

बीहट : गंगा दशहरा के विशेष अवसर पर सर्वमंगला परिवार के अधिष्ठाता स्वामी चिदात्मनजी महाराज के सान्निध्य में गंगा महा आरती का विशेष आयोजन कर गंगा की पूजा-अर्चना की गयी. इस अवसर पर सिमरिया में राम घाट पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज के साथ यजमान बने रवींद्र ब्रह्मचारी, दिनेश सिंह, अमरेंद्र सिंह, कौशलेंद्र सिंह, मीडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2019 6:09 AM

बीहट : गंगा दशहरा के विशेष अवसर पर सर्वमंगला परिवार के अधिष्ठाता स्वामी चिदात्मनजी महाराज के सान्निध्य में गंगा महा आरती का विशेष आयोजन कर गंगा की पूजा-अर्चना की गयी.

इस अवसर पर सिमरिया में राम घाट पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज के साथ यजमान बने रवींद्र ब्रह्मचारी, दिनेश सिंह, अमरेंद्र सिंह, कौशलेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी नीलमणि, उषा रानी, पप्पू त्यागी, विभूतियानंद, अरविंद चौधरी, डॉ राजकुमार चौधरी, संजयानंद, रोचकानंद सहित अन्य लोगों को पंडित नारायण झा, शंभु मिश्र ने विधिवत पूजन संपन्न कराया. यजमानों ने षोडश विधि से पूजा-अर्चना, गंगा की दूध से स्तवन के बाद हवन और आरती की.
स्वामी चिदात्मन जी ने गंगा दशहरे की महत्ता बतायी :इस मौके पर गंगा दशहरा की महत्ता बताते हुए स्वामी चिदात्मनजी महाराज ने कहा कि पाप, ताप हारिणी मां गंगा का इस धराधाम पर गंगा दशहरा के दिन ही अवतरण हुआ था. इसलिए तीनों लोकों में विख्यात मां गंगा का भारतवासी आज के दिन अर्थात गंगा दशहरा को वैदिक विधि से पूजा -अर्चना करते हैं.
मां गंगा भारत की पहचान है. स्वर्ग की सीढ़ी हैं. दस प्रकार के पाप को हरने वाली दैहिक, दैविक, भौतिक, जानकर, अंजान से कर्म से, तन- मन से, वचन से ,संगति से या किसी भी विशेष परिस्थिति में दिन या रात में पाप हो गया है.आज के दिन स्नान करने से ये सभी नाश हो जाते हैं.सर्वमंगला परिवार के द्वारा अन्यान्य जगहों के अतिरिक्त लगभग चालीस वर्षों से मां गंगा का इस शुभ तिथि में अनवरत पूजा की जा रही है.
सिमरिया धाम में गंगाघाट की हालत पर चिंता व्यक्त की :स्वामी चिदात्मनजी ने गंगाघाट की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार सुव्यवस्था में लगी हुई है फिर भी आदि कुंभ स्थली सिमरिया धाम में देश-देशांतर के लोगों को स्नान के लिए जगह नहीं मिल रहा है,जबकि इसे राजकीय मेला भी घोषित किया जा चुका है.
प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में कल्पवास के अलावा अर्ध कुंभ और महाकुंभ का आयोजन होता रहा है. इसके उद्धार के लिए बहुत सारे आश्वासन और घोषणाएं भी हो चुकी है फिर भी सीढ़ी के अभाव में लोगों को अपार कष्ट उठाना पड़ रहा है.

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