कॉलेज में आयुर्वेदिक पद्धति से होगा रोगों का इलाज

बेगूसराय : जिले के राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेदिक कॉलेज सह अस्पताल में आयुर्वेद की प्राचीनतम विद्या पंचकर्म के पूर्व कर्म स्नेहन-स्वेदन पखवारा का आयोजन किया जायेगा. इसके माध्यम से गठिया,वात साइटिका ,जोड़ों आदि रोगों की चिकित्सा 30 जुलाई से 14 अगस्त तक आयोजित पखवारा में की जायेगी. उक्त निर्णय महाविद्यालय के रस शास्त्र विभाग में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 6:45 AM

बेगूसराय : जिले के राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेदिक कॉलेज सह अस्पताल में आयुर्वेद की प्राचीनतम विद्या पंचकर्म के पूर्व कर्म स्नेहन-स्वेदन पखवारा का आयोजन किया जायेगा. इसके माध्यम से गठिया,वात साइटिका ,जोड़ों आदि रोगों की चिकित्सा 30 जुलाई से 14 अगस्त तक आयोजित पखवारा में की जायेगी.

उक्त निर्णय महाविद्यालय के रस शास्त्र विभाग में प्राचार्य डॉ उमाशंकर चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया. बैठक में विभाग प्रभारी, उपाधीक्षक, चिकित्सा पदाधिकारियों एवं सभी शैक्षणिक पदाधिकारी शामिल थे.
प्राचार्य डॉ उमाशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि महाविद्यालय में 30 जुलाई से 14 अगस्त तक आयोजित स्नेहन-स्वेदन पखवारे में प्रथम चरण में 20 रोगियों जिनमें 10 महिला व 10 पुरुष रोगी का निबंधन करने का निर्णय लिया गया है. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर रोगियों की भर्ती की जायेगी.
रोगियों को इस अवसर पर महाविद्यालय में रहकर चिकित्सा करानी होगी. रोगियों को अपने साथ एक अटेंडेंट, खाने का बरतन व पानी गर्म करने के लिए स्टोव साथ में लाना होगा. रोगियों की पथ्य एवं औषधि की व्यवस्था महाविद्यालय चिकित्सालय के द्वारा की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के रोगियों को अब उत्तर बिहार से केरल या अन्य जगहों पर जाने की जरुरत नहीं होगी.
आयुर्वेद में रोग को दूर करने एवं पुन: रोग न हो इसके लिए शरीर के संपूर्ण शोधन हेतु पंचकर्म का वर्णन है. इस विद्या के तहत पंचकर्म में प्रथम पूर्व कर्म स्नेहन-स्वेदन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. बैठक में पूर्व प्रचार्य एवं पंचकर्म प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार जायसवाल, डॉ विनोद पाठक, डॉ वीरेंद्र पांडेय, डॉ विजय बहादुर सिंह, श्रीनिवास त्रिपाठी, डॉ जयशंकर प्रसाद, डॉ शशिभूषण झा, डॉ शशिकांत चतुर्वेदी, डॉ विजयानंद पांडेय, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ आरएन त्रिपाठी, डॉ कुमारी गीता रानी, डॉ दिलीप कुमार वर्मा, डॉ सीमांत सौरभ, डॉ किश्वर सुल्ताना, डॉ अनिल कुमार एवं रामनंदन सहनी शामिल थे.

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