मच्छरों के प्रकोप से लोग हलकान, डेंगू, मलेरिया समेत कई खतरनाक बीमारियों का बढ़ा खतरा
बेगूसराय : शहर में मच्छरों का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है.पूरा शहर मच्छरों के चपेट में है.शाम होते ही मच्छरों का हमला बढ़ जाता है.बरसात के मौसम में मच्छर जनित विभिन्न बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.नगर निगम प्रशासन मच्छरों से निबटने के लिए फॉगिंग व एंटी लार्वा के छिड़काव कराने की बात भले […]
बेगूसराय : शहर में मच्छरों का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है.पूरा शहर मच्छरों के चपेट में है.शाम होते ही मच्छरों का हमला बढ़ जाता है.बरसात के मौसम में मच्छर जनित विभिन्न बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.नगर निगम प्रशासन मच्छरों से निबटने के लिए फॉगिंग व एंटी लार्वा के छिड़काव कराने की बात भले ही कर रहें हों परंतु मच्छरों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.जिससे लोगों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
जलजमाव वाले क्षेत्र मच्छरों के प्रकोप से हैं आक्रांत: मच्छरों के आतंक से ऐसे तो पूरा शहर परेशान हैं. परंतु देखा यह जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या है अथवा जो वार्ड विभिन्न जलाशयों से घिरा है वहां मच्छरों का प्रकोप बहुत ज्यादा है. जलाशयों के किनारे उगे घास-फूस भी मच्छरों का अड्डा होता है.
लोहिया नगर से लेकर बाघा गुमटी तक वार्ड रेलवे लाइन के किनारे जलाशयों व जलजमाव वाले मोहल्लेवासी मच्छरों की समस्या से ज्यादा परेशान हैं. इन क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि भले ही नगर निगम द्वारा एंटी लार्वा व फॉगिंग करने का निर्देश जारी हुआ हो परंतु इन क्षेत्रों में अभी तक एंटी लार्वा का छिड़काव तक नहीं किया गया.जिसके कारण मच्छरों का हमला बढ़ता ही जा रहा है.
टूटे नाले के ढक्कन भी मच्छरों से परेशानी का कारण :शहरी क्षेत्र ज्यादातर गलियों से घिरा है.अधिकांश गलियों में सड़क के मध्य ही नाले का निर्माण किया गया है.जिन गलियों के नाले के ढक्कन टूटे हैं या फिर नाले के ढक्कन आपस में सटाकर नहीं डाले गये.
वैसे गली -मोहल्लों में भी मच्छरों का प्रकोप है. मच्छर झुंड के झुंड नाले से निकलकर घरों में घुसते हैं. शाम होने से पहले ही उधम मचाना शुरू देते हैं.मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए निगम प्रशासन द्वारा समुचित रूप ठोस प्रयास की लोग बाट जोह रहे हैं.
मच्छर भगाने में निगम क्षेत्र के लोगों द्वारा एक लाख से अधिक की राशि हो जाती है खर्च :मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए पूरे निगम क्षेत्र से लगभग एक लाख रुपये खर्च हो जाते हैं. शहर में लगभग 42000 भवन हैं.औसतन 2.50 रुपये से अधिक प्रति भवन मच्छर भगाने के विभिन्न उपायों पर जिसमें मच्छर भगाने वाली टिकिया से लेकर अन्य उपाय शामिल हैं. जिसमें लोगों के खुद के पॉकेट ढीले हो रहे हैं.यदि शहर की पूरी व्यवस्था सदृढ़ व साफ -सफाई वाली होती तो मच्छरों के प्रकोप को कम किया जा सकता था.
मच्छरों से है विभिन्न बीमारियों का खतरा
बरसात में जिस तरह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है इसे गंभीरता से निगम प्रशासन को लेने की जरूरत है. मच्छरों से कई तरह की खतरनाक बीमारी हो सकते हैं. मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलािइटस, जीका वायरस, चिकनगुनिया आदी मुख्य बीमारियां हैं इसके अलावा भी बहुत सारी बीमारियां मच्छरों के कारण ही होती हैं.
बरसात में मच्छरों से सुरक्षा के विभिन्न उपाय
मच्छरों से सुरक्षित रहकर ही विभिन्न संभावित बीमारियों की चपेट में आने से बचा जा सकता है.मच्छरों से बचाव के कई प्रमुख तरीके हैं. जिनका उपयोग अवश्य करना चाहिए.
सोते समय अवश्य ही मच्छरदानी का उपयोग करें
मच्छरों से सुरक्षित रहने के लिए फूल बाजू की कमीज पहनना ठीक है
खुले त्वचा पर एंटी मच्छर क्रीम का उपयोग किया जाये
अजमाइन व सरसों का तेल लगाना भी कारगर हो सकता है
नीबूं और नीलगिरी का तेल,नीम का तेल, पुदीना,तुलसी का रस भी कारगर होगा
बोले पदाधिकारी
नगर निगम प्रशासन द्वारा मच्छरों के प्रकोप से सुरक्षा के लिए समुचित उपाय किये जा रहे हैं. विभिन्न वार्डों में फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है.
अरुण कुमार,उपनगर आयुक्त,नगर निगम बेगूसराय