15 दिनों के भीतर राजेंद्र पुल सड़क मार्ग दूसरी बार हुआ क्षतिग्रस्त

बीहट : उत्तरी बिहार की लाइफ लाइन कही जाने वाली राजेंद्र पुल का सड़क मार्ग पंद्रह दिनों के भीतर गुरुवार के दिन दूसरी बार क्षतिग्रस्त हो गया. सड़क का कंक्रीट पूरी तरह टूट गया और गहरा गड्ढा बन गया. उसके बावजूद भारी ओवर लोडेड वाहन पुल को दलकाते हुए गुजरते रहे. मामले की जानकारी मिलते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2019 6:05 AM

बीहट : उत्तरी बिहार की लाइफ लाइन कही जाने वाली राजेंद्र पुल का सड़क मार्ग पंद्रह दिनों के भीतर गुरुवार के दिन दूसरी बार क्षतिग्रस्त हो गया. सड़क का कंक्रीट पूरी तरह टूट गया और गहरा गड्ढा बन गया. उसके बावजूद भारी ओवर लोडेड वाहन पुल को दलकाते हुए गुजरते रहे.

मामले की जानकारी मिलते ही एक बार फिर पुल व एनएचएआइ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. विदित हो कि 15 अगस्त की शाम पुल के हथिदह छोर के निकट पाया संख्या एक के पास करीब दो फुट सड़क टूट गयी थी.मरम्मत कराकर परिचालन कराया जा रहा था. गुरुवार को ठीक उसी के बगल में फिर से सड़क का दो फुट हिस्सा टूटकर नीचे रेल पटरी पर गिर गया. हालांकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
राजेंद्र सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक
मोकामा : राजेंद्र सेतु के सड़क मार्ग में फिर दरार आ गयी. इसको लेकर प्रशासन ने भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है. तकरीबन दस दिन पहले ही टूटी हुई सड़क की मरम्मत हुई थी. बताया जा रहा है कि क्षतिग्रस्त सड़क का नये सिरे से मरम्मत कार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा. इस बीच छोटे वाहनों का सेतु पर वनवे परिचालन होगा. फिलहाल सेतु के क्षतिग्रस्त स्थान की बैरिकेडिंग करायी गयी है. वहीं, यहां पुलिस की चौकसी भी बढ़ा दी गयी है.
हथिदह थानेदार रविरंजन सिंह ने जानकारी दी कि भारी वाहनों को रोकने के लिए बैरियर लगाये जायेंगे. वहीं, राजेंद्र सेतु के दुरुस्त होने तक भारी वाहनों का आवागमन ठप रहेगा. मालूम हो कि सेतु के सड़क मार्ग को दुरुस्त करने के लिए नये सिरे रोड क्रॉस गाडर को बदला गया था. कोलकाता की कंपनी ने यह काम पूरा किया था.
क्या कह रहे हैं अधिकारी
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव नैनन ने बताया कि क्षतिग्रस्त हो चुके पुल के सड़क मार्ग की ठोस मरम्मत के लिए रेल और एनएचएआइ की टीम बैठक कर रही है. वहीं पटना और बेगूसराय जिला प्रशासन से मिलकर पुल पर भारी वाहनों के परिचालन को रोकने की दिशा में ठोस कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है.

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