अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही दिनकर की धरोहर

बीहट : तुमने दिया राष्ट्र को जीवन,राष्ट्र तुम्हें क्या देगा.अपनी आग तेज रखने को बस नाम तुम्हारा लेगा. राष्ट्रकवि दिनकर की लिखी हुई ये काव्य पंक्तियां आज सच साबित हो रही है. साथ ही ये भी सच है कि दिनकर का सभी ने अपने-अपने हक में इस्तेमाल किया लेकिन उनका समग्र मूल्यांकन करने में किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2019 3:28 AM

बीहट : तुमने दिया राष्ट्र को जीवन,राष्ट्र तुम्हें क्या देगा.अपनी आग तेज रखने को बस नाम तुम्हारा लेगा. राष्ट्रकवि दिनकर की लिखी हुई ये काव्य पंक्तियां आज सच साबित हो रही है. साथ ही ये भी सच है कि दिनकर का सभी ने अपने-अपने हक में इस्तेमाल किया लेकिन उनका समग्र मूल्यांकन करने में किसी ने रुचि नहीं दिखायी.

यहां तक कि शासन और प्रशासन ने भी धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित करने का संकल्प नहीं दिखाया. यदि दिखाया होता तो दिनकर की बारो स्थित प्रथम पाठशाला जीर्ण-शीर्ण होकर ढहने की स्थिति में नहीं होती.
दिनकर की रचनाएं कालजयी हैं पर उनकी स्मृतियों को धरोहर के रूप में संरक्षित नहीं किया जाना क्या दरसाता है. 23-24 सितंबर को उनकी जयंती है.एक बार फिर बड़े-बड़े वायदे किये जायेंगे और जयंती समारोह खत्म होने पर उन्हें विस्मृत कर दिया जायेगा. सार्वजनिक जीवन जीनेवाले लोग पता नहीं कब अपने वादों का आदर करना सीखेंगे.
जिले में हर कार्यक्रम व महत्वपूर्ण आयोजनों ने दिनकर को याद तो अवश्य किया जाता है लेकिन जब उनके धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित करने की बात आती है तो मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. 23-24 सितंबर को दो दिवसीय दिनकर जयंती समारोह आयोजित किया जाता है. इस कार्यक्रम के माध्यम से बड़े-बड़े किये जाते हैं लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही सब कुछ विस्मृत कर दिया जाता है. आखिर दिनकर की धरोहर को सहेजने के लिए कब सकारात्मक पहल की जायेगी यह महत्वपूर्ण सवाल है.
बारो स्थित प्रथम पाठशाला भी है जीर्ण-शीर्ण, जयंती पर वादे तो किये जाते हैं लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही सब खत्म
जर्जर हो चूका है स्कूल भवन
दिनकर के इस विद्यालय के मुख्य भवन की स्थिति यह है कि भवन के दीवारों की नींव आज भी मजबूती से खड़ी है.लेकिन छत की लकड़ियों की जर्जरता के कारण अद्भुत खपड़े व टाली नीचे गिर-गिर कर बर्बाद हो रहे हैं. दिनकर जागृति मंच के सचिव कृष्णनंदन राय बताते हैं कि सन 1875 में निर्मित इस विद्यालय में वर्ष 1920 से 1924 तक दिनकर अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी.
वर्ष 1924 में विद्यालय के एसएलसी संख्या- 43 के तहत उन्होंने विद्यालय से अपना परित्याग प्रमाणपत्र लेकर मोकामा उच्च विद्यालय में अपना नामांकन कराया था. जिसका प्रमाणपत्र आज भी विद्यालय में मौजूद है. पर यह विद्यालय नेशनल हेरिटेज के रूप में विकसित होने के बजाय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है.
बड़े-बड़े हैं वायदे,पर काम है नदारद
दिनकर के नाम पर बड़े-बड़े वायदे तो किये गये परंतु वायदों का आदर करना अब तक किसी ने जरूरी नहीं समझा. बात चाहें दिनकर ग्राम रेलवे स्टेशन के विकास और सौंदर्यीकरण की हो या फिर दिनकर के नाम पर बेगूसराय में विश्वविद्यालय की स्थापना, दिनकर अभियंत्रण कॉलेज खोलने की घोषणा की हो या फिर उलाव हवाई अड्डा का नाम दिनकर हवाई अड्डा करने की बात हो.तभी तो एक बार मरहूम सांसद डॉ भोला सिंह को कहना पड़ा था कि दिनकर का नाम ले-ले कर बेगूसराय का शोषण किया जा रहा है.
धरोहर के जीर्णोद्धार की उम्मीद लगाये बैठे हैं लोग
नगर परिषद बीहट के बोर्ड की पूर्व बैठक में दिनकर की प्रारंभिक पाठशाला मध्य विद्यालय बारो के भवन को धरोहर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया था.कनीय अभियंता की टीम ने इस भवन का निरीक्षण भी किया था. जिसमें बताया गया था कि इसके आधारभूत संरचना में किसी भी तरह का कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा. मूल स्वरूप में ही यह भवन वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों के लिए धरोहर के रूप में दिनकर जी की याद दिलाता रहेगा.
बताते चलें कि बीहट नगर परिषद के दो-दो मुख्य पार्षद एवं कार्यपालक पदाधिकारी इसके जीर्णोद्धार का आश्वासन दे चुके हैं. पूर्व मुख्य पार्षद राजेश कुमार टुना ने 17 अगस्त को धरना-प्रदर्शन के माध्यम से विद्यालय के जीर्णोद्धार की मांग प्रमुखता से उठायी थी.
धूमधाम से मनेगी राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती
बेगूसराय : दिनकर जयंती समारोह धूमधाम से जिले में मनाया जायेगा. उक्त बातें गुरुवार को जिलाधिकारी ने कारगिल विजय सभा भवन में बैठक को संबोधित करते हुए कहीं.
बैठक में जिला पदाधिकारी ने बताया कि महान कवि व निबंधकार रामधारी सिंह दिनकर की 111 वी जयंती के अवसर पर 23 सितंबर को सुबह 09:00 बजे दिनकर भवन,09:15 बजे स्वर्ण जयंती पुस्तकालय,10:00 बजे दिनकर चौक तथा 10:30 बजे दिनकर ग्राम में माल्यार्पण किया जायेगा.जिला पदाधिकारी ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को शैक्षणिक कार्यक्रम वाद-विवाद,क्विज आदि आयोजित करवाने का निर्देश दिया.
वहीं दूसरी बैठक में जिला पदाधिकारी ने जिले का स्थापना दिवस तथा जल जीवन हरियाली की शुरुआत दो अक्तूबर को मनाने को लेकर की. बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि जिले का स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया जायेगा. जहां प्रभातफेरी,रन फॉर ग्रीन बेगूसराय,रक्तदान शिविर, खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.

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