गिरिराज का विवादास्पद बयान, कहा- संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों से दूर हो जाते हैं मिशनरी स्कूलों में पढ़े बच्चे
बेगूसराय : केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है. बेगूसराय के लोहिया नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि ”भगवद गीता को स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए. हम अपने बच्चों को मिशनरी […]
बेगूसराय : केंद्रीय मंत्री व बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है. बेगूसराय के लोहिया नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि ”भगवद गीता को स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए. हम अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में भेजते हैं. वे आईआईटी से पढ़ते हैं. इंजीनियर बनते हैं. विदेश जाते हैं. उनमें से ज्यादातर बीफ खाना शुरू कर देते हैं. क्यों? क्योंकि, हमने उन्हें अपनी संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों को नहीं सिखाया.”
Union Minister Giriraj Singh: Bhagavad Gita should be taught in schools,we send our children to missionary schools, they get through IIT,become engineers,go abroad and most of them start eating beef.Why? Because we did not teach them our culture and traditional values. (1.1.20) pic.twitter.com/p5zHWfY3Uo
— ANI (@ANI) January 2, 2020
मालूम हो कि बेगूसराय के लोहिया नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री सह बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने बुधवार को किया. यज्ञ में वृंदावन से आये कथा व्यास जगद्गुरु राधावल्लभ दासाचार्य ज्ञान का प्रवचन होना है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सनातन धर्म के लोग भागवत ज्यादा सुनते हैं. इससे उन्हें मन की शांति मिलती है. संस्कार व संस्कृति का संगम होता है.
वहीं, दूसरी ओर नावकोठी के राधा देवी कन्या मध्य विद्यालय में आयोजित नागरिक अभिनंदन सह विचार गोष्ठी में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टी पाकिस्तान की भाषा बोलता है. आजादी के बाद भारत में जिसकी आबादी सात प्रतिशत थी, वह 25 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी. उन्होंने कहा कि सीएए और एनपीआर पर आज पूरे देश में बवाल खड़ा किया गया है. यह कांग्रेस, कम्युनिस्ट और अन्य विपक्षी दलों की चाल है. जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ विश्वविद्यालय के आंदोलन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, बर्मा में रहनेवाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता देने की वकालत करे. रोहिंग्या मुसलमान भारत में आतंकवाद तथा अस्थिरता पैदा करने में संलिप्त हैं. भारत को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की नीति पर विचार करने का समय आ गया है.