तेघड़ा में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं

बरौनी : लगातार पड़ रही कंकपाती ठंड के कारण आम जनजीवन पर काफी असर पड़ता दिखाई दे रहा है. ठंड के कारण लोग दिन में देरी से अपने घरों से बाहर निकलते हैं और शाम ढलते ही अपने घरों को लौट जाते हैं. कंकपाती ठंड से बचने व राहत पाने के लिए लोग बाजारों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2020 7:59 AM

बरौनी : लगातार पड़ रही कंकपाती ठंड के कारण आम जनजीवन पर काफी असर पड़ता दिखाई दे रहा है. ठंड के कारण लोग दिन में देरी से अपने घरों से बाहर निकलते हैं और शाम ढलते ही अपने घरों को लौट जाते हैं.

कंकपाती ठंड से बचने व राहत पाने के लिए लोग बाजारों में खुद किसी प्रकार आग की व्यवस्था कर ठंड से बचने की कोशिश में लगे रहते हैं. वहीं दूसरी तरफ देखा जाये तो तेघड़ा प्रखंड या तेघड़ा अंचल के द्वारा अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस कारण लोगों को ठंड भरी मौसम में जीना मुहाल हो रहा है. जब इस संबंध तेघड़ा सीओ से मोबाइल के द्वारा जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
तेघड़ा प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष सह बरौनी-3 के मुखिया प्रभात कुमार उर्फ पप्पू सिंह ने बताया कि तेघड़ा प्रखंड के किसी भी क्षेत्र में अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. लोग ठंड से परेशान हैं. वहीं रात गांव पंचायत की मुखिया सुमन कुमारी ने बताया कि 2016 के बाद अब तक हमारी पंचायत में ठंड के मौसम में अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस वर्ष भी अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.
बारो दक्षिणी पंचायत के मुखिया मो जफर आलम ने कहा कि लगातार पड़ रही ठंड के बावजूद न ही प्रखंड और न ही अंचल के द्वारा अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. अभी सभी पदाधिकारी व कर्मी सिर्फ मानव शृंखला की तैयारी में जुटे हुए हैं. आम अवाम की फिक्र उन्हें नहीं है. जिला पार्षद मो सिकंदर अली ने कहा कि लगातार ठंड बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं कराना दुर्भाग्यपूर्ण बात है. मटिहानी संवाददता के अनुसार शीतलहर एवं भीषण ठंड ने कहर ढा रही है.
जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रही है. लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. मजदूर को मजदूरी करने के लिए ठंड ने विवश कर दिया है. गरीब मजदूर लोग मजदूरी कर के अपना जीवन यापन किसी तरह करते थे. मजदूरों को घर से निकलने के लिए विवश कर दिया है. लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं. मवेशियों को भी ठंड में भारी कठिनाई हो रही है. दिन भर लोग अलाव जलाकर जान बचा रहे हैं.
सर्दी के सितम से लोग बेहाल
बेगूसराय. सोमवार का दिन इस शीतकालीन मौसम का सबसे अधिक ठंड का रहा. सोमवार को पड़ने वाले ठंड व कनकनी पिछले एक माह के सबसे उच्चतर पर थी. अन्य दिनों में दिन चढ़ने के अनुपात में कनकनी में कमी भी आती थी परंतु सोमवार के दिन भर लगभग अहले सुबह जैसी ही कनकनी कायम रही. एक सेंकेंड एक लिए भी सूर्य का दर्शन नहीं हो सका.
गांव की चौपालों, शहर की नुक्कड़ों पर लोग दिन भर अलाव जलाये रखे. ठंड का प्रकोप इतना अधिक था कि जिस वीआइपी बाजारों में अलाव नहीं जलती थी. वहां के आसपास के दुकानदारों ने भी विभिन्न स्थानों पर अलाव जलाकर ठंड से मुकाबला करते नजर आये. प्राय हर बाइक सवार को बढ़ी कनकनी ने हाथों में दस्ताने पहनने को मजबूर कर दिया. शीत लहर के कारण पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा. सोमवार देर सुबह तक आकाश में कोहरे छाये रहे.
लोग धूप निकलने की इंतजार करते रहे परंतु दिन चढ़ने पर भी धूप नहीं निकली. सोमवार को भी तापमान में अंतर नहीं आया. न्यूनतम तापमान आठ डिग्री व अधिकतम 14 डिग्री सेल्सियस तक रही. परंतु कनकनी के चलते न्यूनतम पारा चार डिग्री तक पहुंच गया. वहीं पछुआ हवा अपनी सामान्य अवस्था में 6-12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली.
मौसम पूर्वानुमान की मानें तो आगे के चार दिनों तक पछुआ हवा की कनकनी बनी रह सकती है.

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