जनवादी लेखक संघ ने जयंती पर की परिचर्चा

तसवीर- परिचर्चा को संबोधित करते साहित्यकारतसवीर-15बेगूसराय(नगर). जनवादी लेखक संघ जिला इकाई की ओर से कवि व आलोचक गजानन माधव मुक्त्बिोध की जयंती के मौके पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुक्तिबोध की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता प्रो मदनेश्वरनाथ दत्त ने की एवं संचालन जलेस के सचिव विनिताभ ने किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 11:03 PM

तसवीर- परिचर्चा को संबोधित करते साहित्यकारतसवीर-15बेगूसराय(नगर). जनवादी लेखक संघ जिला इकाई की ओर से कवि व आलोचक गजानन माधव मुक्त्बिोध की जयंती के मौके पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुक्तिबोध की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता प्रो मदनेश्वरनाथ दत्त ने की एवं संचालन जलेस के सचिव विनिताभ ने किया. इस मौके पर प्रो दत्त ने कहा कि मुक्तिबोध हिंदी प्रयोगवादी काव्यधारा के सर्वाधिक सशक्त यथार्थवादी प्रगतिशील और जनसरोकार से संबद्ध साहित्यकार थे. उनकी काव्यानुभूति केवल व्यक्तिगत संवेदन के स्तर पर नहीं है, अपितु वह अपने परिवेश से गहरे जुड़ी है. इस मौके पर जलेस के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश रंजन ने कहा कि मुक्तिबोध अध्यापक, पत्रकार, विशिष्ट विचारक, कवि, कथाकार और समीक्षक के रू प में प्रसिद्ध हुए. इस मौके पर कवि दीनानाथ सुमित्र, युवा समीक्षक निरंजन कुमार, सीमा संगवार समेत अन्य लोगों ने अपने विचारों को रखा.

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