विकास की वर्तमान अवधारणा सकल घरेलू उत्पाद पर आधारित

भारत का समावेशी विकास संभावनाएं व चुनौतियां विषय पर सेमिनार रीवर वैली स्कूल में हुए सेमिनार में बड़ी संख्या में वक्ताओं ने रखे अपने विचार तसवीर- सेमिनार को संबोधित करते डॉ नवल किशोर चौधरीतसवीर-13तसवीर- सेमिनार में भाग लेते लोगतसवीर-14बेगूसराय(नगर). रीवर वैली स्कूल के विवेकानंद सभागार में भारत की समावेशी विकास संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2014 8:01 PM

भारत का समावेशी विकास संभावनाएं व चुनौतियां विषय पर सेमिनार रीवर वैली स्कूल में हुए सेमिनार में बड़ी संख्या में वक्ताओं ने रखे अपने विचार तसवीर- सेमिनार को संबोधित करते डॉ नवल किशोर चौधरीतसवीर-13तसवीर- सेमिनार में भाग लेते लोगतसवीर-14बेगूसराय(नगर). रीवर वैली स्कूल के विवेकानंद सभागार में भारत की समावेशी विकास संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर सेमिनार किया गया. उद्घाटन अर्थशास्त्री एवं पटना कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवल किशोर चौधरी, मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक डॉ रामविनोद सिंह, स्कूल के अध्यक्ष इ आरएन सिंह ने संयुक्त रू प से दीप प्रज्वलित कर किया. संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि विकास की वर्तमान अवधारणा सकल घरेलू उत्पाद पर आधारित है, जो समावेशी नहीं है. डॉ रामविनोद सिंह ने कहा कि आज विकास की मूल अवधारणा ही गलत है. आज विकास मानव केंद्रित नहीं होकर मानव ही विकास का केंद्रित हो गया है. देश की आर्थिक व्यवस्था का ऐतिहासिक विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के हिंद स्वराज भारत के समावेशी विकास का सटीक रास्ता है. जिले के शिक्षाविद् प्रतापनारायण सिंह समेत अन्य लोगों ने विषयवस्तु पर विस्तार से चर्चा की. संचालन स्कूल के शैक्षणिक निदेशक डॉ आनंदी शंकर सिंह ने किया.

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