40 किमी पैदल चल कर बचायी जान

उत्तराखंड की यात्रा पर गये परिजनों के लौटने का है इंतजारबेगूसराय (नगर) : पूरे देश में उत्तराखंड की त्रसदी चर्चा का विषय बनी हुई है. इस त्रसदी के बारे में सुन कर लोगों का दिल दहल उठता है. गांव से शहर तक इस भयानक हादसे की कहानी लोगों के बीच जारी है. जिले के बलिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

उत्तराखंड की यात्रा पर गये परिजनों के लौटने का है इंतजार
बेगूसराय (नगर) : पूरे देश में उत्तराखंड की त्रसदी चर्चा का विषय बनी हुई है. इस त्रसदी के बारे में सुन कर लोगों का दिल दहल उठता है. गांव से शहर तक इस भयानक हादसे की कहानी लोगों के बीच जारी है.

जिले के बलिया प्रखंड के रहाटपुर गांव से चार धाम की यात्रा पर गये रहाटपुर के पैक्स अध्यक्ष रामप्रमोद सिंह, पूर्व सरपंच रामबाबू सिंह, नागो सिंह, गोपाल सिंह, सुरेश सिंह और पांच महिलाओं का परिवार उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, इस हादसे में उक्त सभी लोग सुरक्षित बताये जाते हैं.

उनसे फोन पर बातचीत करने पर लोगों का दिल दहल उठा. यात्रा पर निकले पैक्स अध्यक्ष रामप्रमोद सिंह ने बताया कि हम लोग हरिद्वार से सड़क मार्ग से चारों धाम की यात्रा पर निकले थे. 17 जून की शाम में गंगोत्री पहुंचे ही थे कि रात्रि में मूसलधार बारिश होने लगी.

पहाड़ों से नीचे उतर रहे पानी की आवाज से ही लोगों में दहशत फैल गयी. भीषण बारिश के बीच हम लोगों ने किसी तरह पूरी रात गुजारी. जब सुबह हुई, तो हमने देखा कि चारों तरफ बरबादी का मंजर दिखाई पड़ रहा था. सड़क तो गायब ही थी. सैकड़ों की संख्या में ध्वस्त मकान चारों तरफ उजड़ा हुआ चमन दिखाई पड़ रहा था.

सरकार ने नहीं की मदद

श्री सिंह ने बताया कि भीषण बारिश के बीच ही हम लोगों ने अपने परिवार के साथ पहाड़ पर चढ़ कर पैदल चलना शुरू किया. दो दिनों तक 40 किलोमीटर पैदल चल कर रुद्र प्रयाग आये और फिर वहां से गाड़ी से हरिद्वार पहुंचे. इस कठिन यात्रा के दौरान वहां की सरकार ने हम लोगों की कोई मदद नहीं की.

पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि हरिद्वार में भी देश के सभी राज्यों का राहत शिविर लगा हुआ था. लेकिन, बिहार सरकार का एक भी राहत शिविर नहीं था. यहां तक कि ट्रेन में भी बिहार के लोगों को चढ़ने नहीं दिया जा रहा था.

उत्तराखंड की यात्रा पर गये इन लोगों के मंगलवार तक घर पहुंचने की संभावना है. इधर, इनके परिवार के लोगों में अब भी दहशत है. घटना के दिन फोन पर कुछ घंटे तक संपर्क नहीं होने पर परिजनों में कोहराम मच गया.

बाद में किसी तरह जानकारी मिली कि यात्रा पर गये सभी लोग सुरक्षित हैं. इसके बाद परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली. अब भी परिजन बेसब्री से इन लोगों के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं.

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