ठंड बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त
तेघड़ा . ठंड बढ़ने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बड़े बुजुर्ग एवं मरीज रजाई एवं कंबल के अंदर दुबके रहते हैं. अधिकतर लोग अलाव जला कर ठंड का सामना करना रहे हैं. स्कूली बच्चे भी ठंड से ठिठुर रहे हैं और बीमार पड़ रहे हैं. ठंड बढ़ने से बाजारों में गरम कपड़ों […]
तेघड़ा . ठंड बढ़ने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बड़े बुजुर्ग एवं मरीज रजाई एवं कंबल के अंदर दुबके रहते हैं. अधिकतर लोग अलाव जला कर ठंड का सामना करना रहे हैं. स्कूली बच्चे भी ठंड से ठिठुर रहे हैं और बीमार पड़ रहे हैं. ठंड बढ़ने से बाजारों में गरम कपड़ों की मांग बढ़ गयी है. रजाई, कंबल, श्वेटर, जैकेट की बिक्री बढ़ गयी है.