लोगों के हंसने पर हो रहे हमले : कॉल
तसवीर- पत्रकारों को संबोधित करते पद्मश्री वंशी कौलतसवीर-17(आवश्यक)बेगूसराय(नगर). समाज के अंदर अब हंसने पर हमले हो रहे हैं. टीवी शो पर पेश किये जा रहे लाफ्टर चैलेंज इसी का एक जरिया है. बाजार ने अब लोगों की सामूहिकता पर हमला करना शुरू किया है. ऐसी स्थिति में नाटक ही समाज को मदद कर सकता है. […]
तसवीर- पत्रकारों को संबोधित करते पद्मश्री वंशी कौलतसवीर-17(आवश्यक)बेगूसराय(नगर). समाज के अंदर अब हंसने पर हमले हो रहे हैं. टीवी शो पर पेश किये जा रहे लाफ्टर चैलेंज इसी का एक जरिया है. बाजार ने अब लोगों की सामूहिकता पर हमला करना शुरू किया है. ऐसी स्थिति में नाटक ही समाज को मदद कर सकता है. उक्त बातें अंतरराष्ट्रीय नाट्स निर्देशक पद्मश्री वंशी कौल ने कहीं. उन्होंने कहा कि आज नाटकों को बचाने की जरू रत है, क्योंकि रंगमंच के दोनों पक्षों पर तेजी से प्रहार किया जा रहा है. एक तरफ कलाकार और दूसरी तरफ दर्शक दोनों को बचाने की जरू रत है. आर्शीवाद रंगमंडल द्वारा आयोजित पांचवें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के बहाने पहली दफा बेगूसराय पहुंचे विदूषकीय शैली के सृजनकार वंशी कौल ने कहा कि आज गांव और शहर के रंगमंच में ज्यादा कोई अंतर नहीं रह गया है. दोनों जगह कलाकारों का अभाव है. रंगमंच में युवाओं का ठहराव नहीं हो पा रहा है. जो बड़ी चुनौती है. सरकार को चाहिए कि वो कलाकारों को मुफ्त रंगमंच के प्रदर्शन और अभ्यास की व्यवस्था कराये, ताकि युवाओं का इस ओर आकर्षण बढ़ सके. इस मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग, आशीर्वाद रंगमंडल के सचिव अमित रोशन समेत अन्य उपस्थित थे.