कर्मी की मौत पर फैक्टरी में हंगामा

कोईलवर : ल्हड़िया स्टेशन के समीप स्थित सुमन एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी में काम के दौरान दुघर्टना में गंभीर रूप से जख्मी सुपरवाइजर की इलाज के दौरान मौत के बाद कर्मियों ने हो-हंगामा किया और पूरे दिन फैक्टरी का काम बाधित कर मुआवजे की मांग पर अड़े रहे. कर्मियों ने सक्ड्डी-संदेश पथ को घंटे भर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 9:34 AM
कोईलवर : ल्हड़िया स्टेशन के समीप स्थित सुमन एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी में काम के दौरान दुघर्टना में गंभीर रूप से जख्मी सुपरवाइजर की इलाज के दौरान मौत के बाद कर्मियों ने हो-हंगामा किया और पूरे दिन फैक्टरी का काम बाधित कर मुआवजे की मांग पर अड़े रहे. कर्मियों ने सक्ड्डी-संदेश पथ को घंटे भर जाम रखा.
फैक्टरी में ठेकेदारी प्रथा पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मियों ने कहा कि काम के बदले प्रबंधन द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है. साथ ही फैक्टरी में सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाती है, काम ठप रहेगा. जाम की सूचना पर कोईलवर थाना की पुलिस फैक्टरी पहुंची. प्रबंधन की मानें तो उनका कहना है कि जिस कर्मी की मौत हुई है, वे लंबे अरसे से बीमार थे. इधर प्रबंधन की मानें तो सोमवार को फैक्टरी में काम बंद रहने से लगभग पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
कब घटी घटना
मजदूरों की मानें तो 20 दिसंबर को सुमन एग्रीटेक फैक्टरी में सक्ड्डी निवासी गोविंद दयाल राय प्रतिदिन की तरह काम कर रहे थे. काम के दौरान वे फैक्टरी के अंदर फिसल कर गिर पड़े, ससे वे गंभीर रूप से जख्मी हो गये. प्रबंधन ने आनन-फानन में उन्हें सक्ड्डी में प्राथमिक उपचार करा आरा सदर अस्पताल ले गये. वहां उनकी स्थिति नाजुक देखते हुए पीएसीएच रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गयी.
क्या है मांग
साथी कर्मी की मौत की खबर मिलते ही प्रबंधन के खिलाफ मजदूर गोलबंद होने लगे और फैक्टरी में काम ठप कर दिया. साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए पांच लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व अपनी सुरक्षा की मांग प्रबंधन से मांग की. मजदूरों ने कहा कि सुरक्षा मानकों का ख्याल फैक्टरी द्वारा नहीं रखा जाता है.कार्य के दौरान उन्हें प्रोपर सेफ्टी उपकरण नहीं दिये जाते हैं, जिससे आये दिन घटनाएं होते रहती हैं.
चार माह पूर्व भी एक कर्मी जनार्दन सिंह की मौत हो गयी थी, जिसे प्रबंधन ने लू लगने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया था.

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