बदलते समय में देश की संस्कृति को बचाना जरूरी

साहेबपुरकमाल : मानवीय संबंधों में उपभोक्तावादी संस्कृति के प्रवेश से भारतीय संस्कृति की ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रही है, जिसके चलते मानवीय मूल्यों का क्षरण हो रहा है. आज के बदलते परिवेश में भारतीय समाज को बचाना है, तो भारतीय संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा. तभी हम समाज में शांति व समृद्धि ला सकते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 8:26 AM

साहेबपुरकमाल : मानवीय संबंधों में उपभोक्तावादी संस्कृति के प्रवेश से भारतीय संस्कृति की ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रही है, जिसके चलते मानवीय मूल्यों का क्षरण हो रहा है. आज के बदलते परिवेश में भारतीय समाज को बचाना है, तो भारतीय संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा.

तभी हम समाज में शांति व समृद्धि ला सकते हैं. उक्त बातें साहेबपुरकमाल की समस्तीपुर पंचायत के कमला स्थान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा समापन समारोह के मौके पर भाजपा नेता सुरेंद्र विवेक ने कहीं. उन्होंने कहा कि राम चरित मानस एक अनुपम उपहार है. इसकी कथा का श्रवण कर जीवन में उतारने से राम राज्य की स्थापना हो सकती है.

इस मौके पर लखनऊ से आये रमेश भाई शुक्ल महाराज ने रामचरित मानस की कथा समापन के मौके पर कहा कि रामायण व्यास पीठ से सीधे आप भक्तों के ह्वदय में प्रवेश करें, तभी समाज का कल्याण हो सकता है.
समापन समारोह के मौके पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर टुनटुन सिंह महंत, महेंद्र यादव मुखिया, विष्णु कुमार साह, मुकेश सिंह, मनोज सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे. राम कथा को लेकर कुछ दिनों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ था.

Next Article

Exit mobile version