ससुराल वाले अपनाने को तैयार नहीं, बीडीओ का प्रयास विफल
चौथे दिन भी प्रीति अपनी ससुराल के दरवाजे पर बैठी रहीतस्वीर-प्रीति को पानी पिलाती महिला हेल्प लाइन के सदस्य तस्वीर-12 मंसूरचक. चौथे दिन भी प्रीति अपने ससुराल के दरवाजे पर बैठी रही. फिर भी ससुराल वाले अपनाने को तैयार नहीं हैं. बीडीओ अशोक कुमार चौधरी द्वारा समस्या के निदान के लिए की गयी पहल भी […]
चौथे दिन भी प्रीति अपनी ससुराल के दरवाजे पर बैठी रहीतस्वीर-प्रीति को पानी पिलाती महिला हेल्प लाइन के सदस्य तस्वीर-12 मंसूरचक. चौथे दिन भी प्रीति अपने ससुराल के दरवाजे पर बैठी रही. फिर भी ससुराल वाले अपनाने को तैयार नहीं हैं. बीडीओ अशोक कुमार चौधरी द्वारा समस्या के निदान के लिए की गयी पहल भी विफल रही. उन्होंने लड़की एवं लड़का पक्ष के साथ-साथ भरौल-मकदमपुर गांव के लोगों को बैठाने की पहल 17 फरवरी के दिन किया गया. लेकिन घंट भर बीडीओ के बैठे रहने के बाद भी कोई नहीं पहुंच पाया. अंत में बीडीओ अंसतोष व्यक्त करते हुए मकदमपुर गांव से वापस चले आये.प्रीति के चौथे दिन भी ससुराल वालों ने खाना तक देना उचित नहीं समझा.वही महिला हेल्प लाइन के सदस्यो ने प्रीति को पानी पिलाया.लड़का धीरज कुमार ठाकुर ने किसी भी तहर के पंचायत को मानने से इंकार करते हुए कहा कि विशेष दबाव देने पर आत्महत्या करने को विवश हो जायेंगे. इतना सून गांव-समाज के लोगों से लेकर राजनीतिक दल के नेता भी कुछ कहने व समझाने को तैयार नहीं हो रहे है.इधर प्रीति का कहना है कि अंतिम सांस तक अपने साजन धीरज को जीत कर ही रहूंगी.प्रीति ने कहा कि हमारा घर परिवार मकदमपुर ही है हम मरते दम तक यही डटे रहेंगे.वही दूसरी ओर समाचार प्रेषण तक जानकारी मिली है. कि ग्रामीणों ने लड़के के घर का ताला तोड़कर लड़की घर में प्रवेश करवा दिया है.