उद्धारक का बाट जोह रहा गुरुद्वारा

मंझौल(बेगूसराय). संगत गुरुद्वारा, मंझौल वर्षों से उपेक्षित है. ज्ञात हो कि क्षेत्र का यह एक मात्र धरोहर है. लोगों क ी मानें तो गुरु तेग बहादुर असम जाने के क्रम में अपने लाव-लश्कर के साथ मंझौल में ठहरे थे. इसी क्रम में उन्होंने यहां गुरुद्वारा की स्थापना की थी तथा गुरुग्रंथी को नियुक्त किया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 9:03 PM

मंझौल(बेगूसराय). संगत गुरुद्वारा, मंझौल वर्षों से उपेक्षित है. ज्ञात हो कि क्षेत्र का यह एक मात्र धरोहर है. लोगों क ी मानें तो गुरु तेग बहादुर असम जाने के क्रम में अपने लाव-लश्कर के साथ मंझौल में ठहरे थे. इसी क्रम में उन्होंने यहां गुरुद्वारा की स्थापना की थी तथा गुरुग्रंथी को नियुक्त किया था. बताया जाता है कि आज तक लगभग 10 गुरुग्रंथी हो चुके हैं, लेकिन गुरुद्वारा खंडहर बना हुआ है. कभी भी गुरुद्वारा ढह कर गिर सकता है.

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