…और अंधेरे में रहे राष्ट्रपिता गांधी, आवश्यक

तसवीर-स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित राष्ट्रपिता की प्रतिमातसवीर-11बेगूसराय(नगर). एक तरफ बिहार दिवस पर पैसे को पानी की तरह बहाया गया. सभी सरकारी दफ्तरों को ब्लू रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया गया, लेकिन जिला प्रशासन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी याद नहीं आ सके. स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर जिला प्रशासन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2015 8:03 PM

तसवीर-स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित राष्ट्रपिता की प्रतिमातसवीर-11बेगूसराय(नगर). एक तरफ बिहार दिवस पर पैसे को पानी की तरह बहाया गया. सभी सरकारी दफ्तरों को ब्लू रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया गया, लेकिन जिला प्रशासन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी याद नहीं आ सके. स्वर्ण जयंती पुस्तकालय स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर जिला प्रशासन के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने दो पुष्प अर्पित करना मुनासिब नहीं समझा. हद तो तब हो गयी, जब महात्मा गांधी की प्रतिमा के ठीक सामने जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय रोशनी जगमगा रही थी, वहीं गांधी की प्रतिमा के समक्ष एक दीपक भी नहीं जलाया गया. क्या यही बिहार दिवस है. इसी तरह से शहर के टेढ़ीनाथ मंदिर स्थित शहीद स्मारक के पास भी प्रशासनिक पदाधिकारियों के द्वारा शहीदों के सम्मान में श्रद्धा के दो पुष्प नहीं अर्पित किये जा सके. यह चर्चा का विषय बना हुआ है.

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