एमआरडी के 46 रोगियों का किया जा रहा इलाज

बेगूसराय(नगर) : चिकित्सकों की गलतियां व मरीजों के इलाज के प्रति उदासीनता मल्टीपुल ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रसित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिले में अब तक 46 एमआरडी के रोगी मिले हैं. उनका इलाज चल रहा है. कुल 12 रोगी एमडीआर टीबी की बीमारी से मुक्त हो चुके हैं. छह मरीजों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 12:34 AM
बेगूसराय(नगर) : चिकित्सकों की गलतियां व मरीजों के इलाज के प्रति उदासीनता मल्टीपुल ड्रग रेसिस्टेंट टीबी से ग्रसित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिले में अब तक 46 एमआरडी के रोगी मिले हैं. उनका इलाज चल रहा है. कुल 12 रोगी एमडीआर टीबी की बीमारी से मुक्त हो चुके हैं.
छह मरीजों की मौत भी हो चुकी है. उनकी पहचान एमडीआर के रू प में हुई थी, जो इलाज शुरू होने से पहले ही मर गये. उक्त बातें बेगूसराय सदर अस्पताल के प्रांगण में विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ आनंद कुमार शर्मा ने कहीं. उन्होंने कहा कि बेगूसराय में एमडीआर टीवी का इलाज वर्ष 2012 से हो रहा है. इसके इलाज पर सरकार को करीब दो लाख, 80 हजार प्रति मरीज खर्च आता है. बेगूसराय जिला भाग्यशाली है, क्योंकि अभी तक एक्सट्रीम ड्रग रेसिस्टेंट टीवी के किसी भी रोगी की पहचान नहीं हुई है.
जिले में हर्ष की बात है यह है कि 42 लाख रुपये की एक मशीन जिसे जीन एक्सपर्ट कहते हैं, वह जिला यक्ष्मा केंद्र में लगने जा रहा है. इस मशीन से एमडीआर रोगियों की पहचान 24 घंटे के अंदर हो जायेगी. इस जांच में प्राइवेट में 1700 रुपये प्रति मरीज आता है, जबकि यह जांच जिला यक्ष्मा केंद्र में मुफ्त की जायेगी. दूसरी खुशी की बात है कि डॉट्स में जो दवा सप्ताह में तीन दिन दी जाती थी, अब वह रोजाना अगले सत्र से दी जायेगी. बिहार में चौदह चिह्न्ति जिलों में बेगूसराय भी एक है. अध्यक्षता सिविल सजर्न डॉ वीरेंद्र कुमार ने की.
इस मौके पर एसीएमओ डॉ हरेंद्र कुमार आलोक, बेगूसराय डीआइओ विश्वंभर ठाकुर, डीपीएम शैलेश कुमार, डॉ रामरेखा, डॉ चक्रवर्त्ती चौधरी समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे. संगोष्ठी में आशा एवं डॉट्स प्रोवाइडरों के द्वारा प्रश्नोत्तर कार्यक्रम किया गया. इसके बाद पूरे शहर में जागरू कता रैली निकाली गयी, जिसे सीएस ने झंडी दिखा कर रवाना किया.

Next Article

Exit mobile version