आ गया है अपनी ताकत को पहचानने का वक्त

भाजपा की जनाक्रोश रैली में कार्यकर्ता अलग अंदाज में दिखाई पड़ रहे थे. कार्यकर्ताओं का अहले सुबह से गांधी स्टेडियम पहुंचना शुरू हो गया था, जो पूरे दिन तक जारी रहा. गले में नरेंद्र मोदी के चित्रवाला दुपट्टा व माथे पर कमल फू ल की पट्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह को और बढ़ा रहा था. कुछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2013 12:51 AM

भाजपा की जनाक्रोश रैली में कार्यकर्ता अलग अंदाज में दिखाई पड़ रहे थे. कार्यकर्ताओं का अहले सुबह से गांधी स्टेडियम पहुंचना शुरू हो गया था, जो पूरे दिन तक जारी रहा. गले में नरेंद्र मोदी के चित्रवाला दुपट्टा व माथे पर कमल फू ल की पट्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह को और बढ़ा रहा था. कुछ कार्यकर्ता जो ग्रामीण क्षेत्रों से आये थे, उन पर तो नरेंद्र मोदी का धुन इस कदर हावी था कि उन्होंने पूरे शरीर में ही नरेंद्र मोदी का फोटोवाला कपड़ा पहन लिया था. जगह-जगह से आनेवाले कार्यकर्ताओं के मुंह से नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे निकल रहे थे. कड़ी धूप व ऊमस भरी गरमी के बाद भी भाजपा के छोटे से बड़े नेताओं में रैली के प्रति उत्साह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था.

बेगूसराय (नगर): आज देश और राज्य की जो हालत हो गयी है, उसमें वक्त अपनी ताकत को पहचानने का आ गया है. इस विपरीत समय में अपनी ताकत का इजहार करते हुए नरेंद्र भाई को 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री बनाएं, तभी देश और राज्य में महंगाई समाप्त कर विकास की रफ्तार तेज की जा सकती है. ये बातें सोमवार को गांधी स्टेडियम में भाजपा द्वारा आयोजित विश्वासघात और जनाक्रोश रैली का दीप उद्घाटन करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व विधान परिषद में विपक्षी दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहीं. श्री मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2005 में बिहार की जनता ने एनडीए को जनादेश देकर बिहार में कुशासन राज को समाप्त किया था. उसके बाद बिहार में विकास की गाड़ी को लगातार तेज किया गया. डॉ श्रीकृष्ण सिंह के बाद भाजपा और जदयू की ही सरकार थी, जिसने बिहार में समावेशी विकास कर बिहार को दुनिया के मानचित्र पर प्रदर्शित किया. लेकिन, जैसे ही देश में एक अति पिछड़ा के बेटे को प्रधानमंत्री बनाने की बात सामने आयी कि नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गंठबंधन तोड़ डाला.

अकेले राज करने के लिए किया अलग : मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि जब गोधरा का कांड हुआ था, उस समय 2002 में वे रेलमंत्री थे. उस समय नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक नहीं थे. लेकिन, आज नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक हो गये. नरेंद्र मोदी तो नीतीश कुमार के लिए बहाना थे. उन्होंने अकेले राज करने के लिए ये भाजपा को अपने से अलग कर दिया. इसे बिहार की जनता समझ रही है. उन्होंने कहा कि आज नीतीश कुमार बिहार में नौकरशाहों की बदौलत सरकार चलाना चाहते हैं. इसका स्पष्ट उदाहरण है कि वे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं. जैसे ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा कि जदयू में फूट पैदा हो जायेगी. उन्होंने इस सरकार से पूछना चाहा कि मात्र 72 दिन भाजपा को सरकार से अलग होना हो गया, क्या कारण है कि बिहार बेपटरी हो गयी है. चारों तरफ अराजकता का माहौल है. कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह व संचालन भाजपा महामंत्री कृष्णमोहन पप्पू ने किया. स्वागत भाषण भाजपा राज्य परिषद सदस्य सह समाजसेवी उपेंद्र प्रसाद सिंह ने किया.

जनता से अधिक चिंता कुरसी की : पूर्व मंत्री एवं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता से अधिक चिंता अपनी कुरसी बचाने की है. कुरसी बचाने के लिए श्री कुमार ने भ्रष्टाचारियों एवं घोटालेबाजों से समझौता किया है. श्री यादव ने नीतीश कुमार का हौसला पस्त व नरेंद्र मोदी का हौसला बुलंद करने का संकल्प दिलाया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कार्यकर्ताओं से मिशन 2014 के चुनाव में नरेंद्र भाई मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 27 अक्तूबर को पटना में होनेवाली हुंकार रैली में अधिक-से-अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की. मौके पर पूर्व मंत्री डॉ चंद्रमोहन राय, प्रेम कुमार, नवादा के सांसद डॉ भोला सिंह, विधान पार्षद सह भाजपा पंचायती राज मंच के राष्ट्रीय सह संंयोजक रजनीश कुमार, भाजपा निवेशक मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक कुंदन सिंह, प्रभारी मिथिलेश तिवारी, शिवेश राम, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह, नगर विधायक सुरेंद्र मेहता, तेघड़ा विधायक ललन कुंवर, बखरी विधायक रामानंद राम, भाजपा नेता रामलखन सिंह, शंकर सिंह, अमरेश शांडिल्य, कार्यक्रम संयोजक अशोक कुमार सिंह, वंदना सिंह, अरविंद सिंह, अमरेंद्र कुमार अमर, आशुतोष पोद्यार हीरा, मृत्युंजय कुमार वीरेश, राधाकृष्ण प्रसाद सिन्हा, प्रणव भारती समेत बड़ी संख्या में भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार व केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पटना में 27 अक्तूबर को होनेवाली रैली के लिये हुंकार भरी.

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