बेगूसराय/नीमाचांदपुरा : अप्रैल माह में गरमी शुरू होते ही एक बार फिर विद्युत आपूर्ति हांफने लगी है. आलम यह है कि 24 घंटे में महज चार-पांच घंटे ही बिजली मिल रही है. अगर बिजली मिलती भी है तो लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है. बिजली विभाग में यह समस्या कोई नयी बात नहीं है.
प्रत्येक वर्ष इस गरमी के महीने में विद्युत विभाग बिजली आपूर्ति को लेकर दम तोड़ने लगती है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. बिजली की अनियमित आपूर्ति से शहर में जहां पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है, वहीं बिजली आधारित कारोबारियों को हाथ-पर-हाथ रख कर बैठना पड़ता है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि शिकायत करने के बाद भी विभागीय पदाधिकारी व कर्मी इस दिशा में सकारात्मक पहल करना मुनासिब नहीं समझते हैं.
लचर व्यवस्था के चलते कुटीर उद्योग जहां बाधित हो रहे हैं, वहीं छात्र-छात्रओं की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. तेजी से बदलते इस कंप्यूटर युग में बिजली के बगैर कोई काम संभव नहीं है. ऐसे में बिजली की अनियमित आपूर्ति होने से लोगों में आक्रोश होना लाजिमी है. स्थिति अगर ऐसी ही जारी रही, तो उपभोक्ताओं के आक्रोश की ज्वाला कभी भी शोला बन सकती है.
बिजली की लचर व्यवस्था को ले उपभोक्ता बिजली कार्यालय पर कर चुके हैं हंगामा :बिजली की लचर व्यवस्था से क्षुब्ध बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र एवं बेगूसराय सदर प्रखंड की कई पंचायतों के उपभोक्ताओं के द्वारा बिजली कार्यालय का घेराव, प्रदर्शन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं. पांच दिन पहले भी नागदह के सैकड़ों लोगों ने पावर हाउस पर पहुंच कर जम कर हंगामा मचाया था. आक्रोशित उपभोक्ताओं ने विभाग के पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके बाद भी व्यवस्था में किसी प्रकार का सुधार नहीं हुआ है.
रतजग्गा करने को विवश होते हैं लोग : इस गरमी में लोग हाय बिजली, उफ बिजली करते रतजग्गा करने को विवश होते हैं. पंखे व कूलर लोगों के घर में मात्र शोभा की वस्तु बन कर रह गये हैं. आइपीएल मैच चल रहा है. ऐसे में लोग इस खेल का भी आनंद बिजली के अभाव में नहीं उठा पा रहे हैं. इससे लोगों में हमेशा आक्रोश बना रहता है.
45 की जगह मिल रही है 25 मेगावाट बिजली :जिले में वर्तमान में 45 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. इसमें 25 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. ऐसी परिस्थिति में बिजली की कमी लाजिमी है. विभागीय आंकड़े के अनुसार, शहरी क्षेत्र में बिजली की स्थिति कमोवेश ठीक है.
लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की हाल बदहाल है. आंकड़े के मुताबिक 24 घंटे में पनहांस अर्थात ग्रामीण फीडर में महज 10 घंटे बिजली मिली है, जबकि शहरी क्षेत्र के फीडर नंबर एक में 19, फीडर नंबर दो में 19 घंटे, 25 मिनट, तीन में 19 घंटे, 5 मिनट, चार में 10 घंटे, पांच में 16 घंटे व बरौनी फीडर में 19 घंटे, 55 मिनट बिजली की आपूर्ति की गयी है.