बाढ़पीड़ितों की स्थिति नाजुक
>>विपिन कुमार मिश्र>> बेगूसराय (नगर): प्राकृतिक आपदा के तहत इस बार गंगा समेत अन्य नदियों में आये उफान ने लाखों लोगों की सुख-चैन छीन लिया है. परिवार के साथ अपने घरों में रहनेवाले लोग पानी की भयावहता को लेकर दूसरी जगहों पर शरण लिये हुए हैं. कुछ दिन पूर्व तक अपने द्वारा बनाये गये भोजन […]
>>विपिन कुमार मिश्र>>
बेगूसराय (नगर): प्राकृतिक आपदा के तहत इस बार गंगा समेत अन्य नदियों में आये उफान ने लाखों लोगों की सुख-चैन छीन लिया है. परिवार के साथ अपने घरों में रहनेवाले लोग पानी की भयावहता को लेकर दूसरी जगहों पर शरण लिये हुए हैं. कुछ दिन पूर्व तक अपने द्वारा बनाये गये भोजन का स्वाद चखते थे, आज स्थिति यह है कि राहत शिविर में एक डब्बू खिचड़ी के लिए मारामारी करनी पड़ रही है. पक्का के मकान में रहनेवाले लोग आज बांध या अन्य सुरक्षित जगहों पर प्लास्टिक का आशियाना बनाने के लिए टकटकी लगाये हुए हैं. इस बार लोगों को यह अंदाज नहीं था कि लगभग 40 वर्षो के बाद बाढ़ का यह तांडव रू प देखना ही नहीं पड़ेगा, वरन महीनों तक पानी से संघर्ष करना पड़ेगा.
लोगों की नींद हुई हराम
जिले के बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, शाम्हों, बलिया, एस कमाल प्रखंडों की दर्जनों पंचायतों की लगभग दो लाख की आबादी बाढ़ की विभीषिका ङोल रही है. पिछले एक माह से बाढ़ का पानी लोगों के घरों में दस्तक दे रखा है. नतीजा है कि लोगों की नींद हराम हो गयी है वहीं शासन एवं प्रशासन के लोगों को भी बाढ़ से निजात पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि बाढ़ से घिरे लोगों को हरसंभव साधन और सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन, अधिकांश प्रखंडों में स्थिति यह है कि बाढ़पीड़ित अभी भी राहत एवं नाव के लिए टकटकी लगाये हुए हैं. जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में अभी भी लोगों की स्थिति नारकीय बनी हुई है. लगातार पानी में रहने से पीड़ितों में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है. बड़ी संख्या में लोगों को सिरदर्द, पेट दर्द, पकुआ, बुखार जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. जिन क्षेत्रों में पानी थोड़ा कम होने भी लगा है तो वहां महामारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है. अब लोगों को दवा एवं दुआ दोनों की जरू रत होने लगी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिले के कुछ संगठनों द्वारा भी युद्ध स्तर पर बाढ़पीड़ितों को राहत उपलब्ध करायी जा रही है. समाजसेवी सुभाष कुमार कंगन द्वारा जहां बाढ़पीड़ितों के बीच 30 से 40 प्रकार की दवाओं का रात-दिन वितरण किया जा रहा है, वहीं भाजपा चिकित्सा मंच के जिलाध्यक्ष डॉ एम भूषण एवं डॉ डिंपल कुमारी द्वारा पिछले 20 दिनों से जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके में लगातार पीड़ितों का इलाज एवं मुफ्त में दवा दी जा रही है. वहीं जिले के समाजसेवी सुरेंन्द्र विवेक द्वारा भी बलिया अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पीड़ितों का इलाज एवं दवा का वितरण किया जा रहा है. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण भी जिला प्रशासन के अलावा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है. लेकिन इसके बाद भी बाढ़ पीड़ितों में अभी भी जरू रत के अनुसार उन्हें राहत सामग्री और नाव उपलब्ध नहीं कराया जा सकी है. वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों में भीषण बारिश की आशंका को लेकर बाढ़ से घिरे लोगों के साथ-साथ अन्य लोगों में भी दहशत है. हालांकि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में तैयारियां शुरू कर दी हैं.
24 से आंदोलन शुरू करेगी माकपा
माकपा जिले को अकालग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर 24 व 25 सितंबर को समाहरणालय के समक्ष घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन करेगी. माकपा के जिला सचिव सुरेश यादव ने बताया कि सीपीएम जिला सचिव मंडल की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बिहार के नवादा व पश्चिम चंपारण में हुए सांप्रदायिक दंगों के खिलाफ तथा देश में सांप्रदायिक ताकतों द्वारा तनावपूर्ण स्थिति पैदा करने की साजिश के विरोध में 10 सितंबर को बेगूसराय में प्रतिरोध मार्च निकाला जायेगा. 15 सितंबर को पटना में आयोजित वाम दलों के राज्य स्तरीय कन्वेंशन में बेगूसराय से 300 साथी शामिल होंगे. बैठक में इस बात को लेकर चिंता प्रकट की गयी कि पहले सूखा व बाद में बाढ़ के कहर से पूरा बिहार तबाह है. इस परिस्थिति में अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत व मुआवजा दिया जाय. इसी को लेकर समाहरणालय पर आंदोलन किया जायेगा. बैठक में राज्य सचिव मंडल सदस्य राजेंद्र प्रसाद सिंह, विद्यानंद यादव, दिनेश प्रसाद सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह, आदित्य नारायण चौधरी, विनिताभ समेत अन्य लोग उपस्थित थे.