क्रोध मनुष्य के लिए सबसे बड़ा बाधक
संत की अमृतवाणी सुनने के लिए भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़बरौनी प्रखंड के मालती गांव में हो रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथातसवीर-प्रवचन करते संत डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराज व उपस्थित श्रद्धालुतसवीर-13,14गढ़हारा . बरौनी प्रखंड की पिपरा देवस पंचायत के मालती गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन […]
संत की अमृतवाणी सुनने के लिए भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़बरौनी प्रखंड के मालती गांव में हो रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथातसवीर-प्रवचन करते संत डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराज व उपस्थित श्रद्धालुतसवीर-13,14गढ़हारा . बरौनी प्रखंड की पिपरा देवस पंचायत के मालती गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन उत्तराखंड से आये संत डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराज की अमृतवाणी को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि क्रोध मनुष्य के लिए सबसे बड़ा बाधक है. मनुष्य को विषम से विषम परिस्थिति में क्रोध नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है. उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण करने के समय में किसी भी व्यक्ति को एकाग्रचित होकर मन को शांत कर कथा श्रवण करना चाहिए, तभी हम भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज लोग कथा सुनने के लिए घर से चले आते हैं, लेकिन उनका ध्यान कहीं और केंद्रित रहता है. इस परिस्थिति में कथा सुनने का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता है. संत डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराज की कथा को सुनने के लिए मालती, पिपरा, हाजीपुर, बरौनी, राजवाड़ा, ठकुरीचक, गढ़हारा समेत आसपास से बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. कथा के आयोजन को सफल बनाने में मुख्य यजमान मुकेश कुमार गुड्डू, देवनंदन राय, अनिल राय, संजीव प्रसाद सिंह, ओमप्रकाश राय समेत बड़ी संख्या में लोग रात-दिन लगे हुए हैं.