जीवन जीना सिखाती है भागवत कथा : डॉ दुर्गेशाचार्य
भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़तसवीर- प्रवचन करते डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराजतसवीर-15गढ़हारा. हम कैसे जिंदगी जिएं, यह भागवत कथा सिखाती है. चाहे कोई भक्त हो या ज्ञानी-बैरागी यदि भागवत न सुनी हो तो वह अचेतावस्था में जी रहा है. चाहे वह आत्म विज्ञान जाननेवाला आत्मदेव हो, धुंधली, मंद बुद्धि में फंस कर संस्कारविहीन […]
भागवत कथा में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़तसवीर- प्रवचन करते डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराजतसवीर-15गढ़हारा. हम कैसे जिंदगी जिएं, यह भागवत कथा सिखाती है. चाहे कोई भक्त हो या ज्ञानी-बैरागी यदि भागवत न सुनी हो तो वह अचेतावस्था में जी रहा है. चाहे वह आत्म विज्ञान जाननेवाला आत्मदेव हो, धुंधली, मंद बुद्धि में फंस कर संस्कारविहीन धुंधकारी जो वेश्यावृत्ति, शराब से प्रेतयोनि पा लेता है, श्रीमद् भागवतकथा संत गोकर्ण से श्रवण कर भगवान का स्वरू प पाकर मुक्त हो जाता है. उक्त बातें बरौनी प्रखंड की पिपरा देवस पंचायत के मालती गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान अमृत रस की वर्षा करते हुए उत्तराखंड से आये विद्वान संत डॉ दुर्गेशाचार्य जी महाराज ने कहीं. उन्होंने कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सुनीति मां ने गरीबी में रह कर अपने बेटे धु्रव को उच्च संस्कार दिये, तो वह पांच वर्ष में भगवान के दर्शन पाकर 36 हजार वर्ष राज्य पद भोग कर बैकुंठ पद पा गया. आज लोग धन के पीछे भाग रहे हैं. नतीजा है कि समाज का नैतिक पतन हो रहा है. उन्होंने कथा के माध्यम से अपने बच्चों के लिए धन न कमाने, बल्कि संस्कार कमाने की अपील की. भागवतकथा सुनने के लिए बरौनी प्रखंड की कई पंचायतों से हजारों की संख्या में भागवतप्रेमी प्रतिदिन उपस्थित हो रहे हैं. पूरा इलाका कथा को लेकर भक्तिमय बना हुआ है. इस कथा के आयोजन को सफल बनाने में मुख्य यजमान मुकेश कुमार गुड्डू, संजीव प्रसाद सिंह, देवनंदन राय, अनिल राय, अमित राय, टुनटुन कुमार, अर्पणा, ओमप्रकाश राय समेत अन्य लोग अपना सराहनीय योगदान दे रहे हैं.