छौड़ाही: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, छौड़ाही में शनिवार की रात प्रसव के दौरान जच्च-बच्च की मौत से गुस्साये लोगों ने रात भर अस्पताल में हंगामा किया. डॉक्टरों व अस्पतालकर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए लोग अहले सुबह से ही छौड़ाही आंबेडकर चौक के निकट बांस-बल्ला लगा कर दौलतपुर-मालीपुर मुख्य पथ को जाम कर दिया.
सड़क जाम कर रहे लोग पीएचसी प्रभारी व हेल्थ मैनेजर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने व मृतक के परिजन को पांच लाख मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. दस घंटे बाद प्रखंड प्रमुख, बीडीओ व थानाध्यक्ष के आश्वासन पर सड़क जाम हटा. मामले में मृतका नारायण पीपर सोनवर्षा निवासी मंजु देवी के पति मनोज यादव द्वारा चिकित्सा प्रभारी व स्वास्थ्य प्रबंधक के खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया समाचार लिखे जाने तक चल रही थी. मृतका के पति ने कहा कि वह अपनी गर्भवती पत्नी 27 वर्षीया मंजु देवी को शुक्रवार की देर रात प्रसव के लिए पीएचसी, छौड़ाही में भरती कराया था.
शनिवार की शाम उसकी पत्नी ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया. जन्म के कुछ देर बाद जच्च व बच्च की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. काफी आरजू-मिन्नत के बाद भी कोई डॉक्टर या कर्मी उसे इलाज व दवाई देने नहीं आये. जच्च-बच्च का इलाज करने के बजाय गुहार लगा रहे परिजनों को डांट-फटकार कर चुप कर दिया गया. फलत: आठ बजे रात के करीब नवजात बालक की मौत हो गयी. इलाज के अभाव में रात दस बजे के करीब प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. सड़क जाम की खबर सुन कर प्रखंड प्रमुख रंजना देवी, थानाध्यक्ष राजरतन, बीडीओ राजदेव रजक, दारोगा नारायण ठाकुर के अलावा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि जाम स्थल पर पहुंच कर लोगों को समझाने लगे. तत्काल 20 हजार रुपये सरकारी सहायता देने व मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन के बाद सड़क जाम हटा.
क्या कहते है अधिकारी
बीडीओ राजदेव रजक ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम के बाद ही मुआवजा की प्रक्रिया की जायेगी. पीएचसी की कुव्यवस्था के बारे में डीएम को लिखा जायेगा, जबकि थानाध्यक्ष राजरतन ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है.