अध्यात्म के बिना सुख नहीं मिलता
श्रीमद् भागवत यज्ञ के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़तस्वीर-कथा वाचन करते महाराज तस्वीर-1भगवानपुर. भागवत का एक-एक अक्षर ब्रह्म है. भागवत कथा का श्रवण करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जीवन की शांति सिर्फ व सिर्फ अध्यात्म में है. अध्यात्म के बिना सुख मिल ही नहीं सकता. उक्त बातें भगवानपुर प्रखंड […]
श्रीमद् भागवत यज्ञ के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़तस्वीर-कथा वाचन करते महाराज तस्वीर-1भगवानपुर. भागवत का एक-एक अक्षर ब्रह्म है. भागवत कथा का श्रवण करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. जीवन की शांति सिर्फ व सिर्फ अध्यात्म में है. अध्यात्म के बिना सुख मिल ही नहीं सकता. उक्त बातें भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के चक्का शहिलोरी गांव में आयोजित छह दिवसीय श्रीमद् भागवत पुरान ज्ञान महायज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन करते हेतु वृंदावन के कथा वाचक भागत किंकर आचार्य योगेश प्रभाकर महाराज ज्ञान मंच से कथा वाचन करते हुए कहीं. सूर्य और चंद्रमा प्रत्यक्ष देवता है. सूर्य की पूजा से सात्विक ऊर्जा मिलती है. योगेश प्रभाकर ने कहा कि मिथिला की धरती महान है. उन्होंने पारिवारिक विकृतियों पर कहा कि परिवार में संवाद हीनता नहीं होनी चाहिए. विवाद को जन्म देता है. इस कथा के माध्यम से कृष्ण सुदामा के मित्रता पर प्रकाश डाला. इस मौके पर आयोजक पूर्व सांसद रामदेव राय, पूर्व प्रमुख कृष्ण कुमार, प्रमुख लालबाबू पासवान, शिवप्रकाश गरीब दास, मुखिया हरेकृष्ण सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.