सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं लोग

कहने को नगर निगम लेकिन स्थिति पंचायत से भी बदतर बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नगर निगम का कई वार्ड अब भी भगवान भरोसे चल रहा है. कहने को तो नगर निगम लेकिन स्थिति पंचायत से भी बदतर है. बेगूसराय नगर निगम में इन पंचायतों को शामिल तो कर लिया गया लेकिन अब तक पंचायत से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2015 10:10 AM
कहने को नगर निगम लेकिन स्थिति पंचायत से भी बदतर
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नगर निगम का कई वार्ड अब भी भगवान भरोसे चल रहा है. कहने को तो नगर निगम लेकिन स्थिति पंचायत से भी बदतर है. बेगूसराय नगर निगम में इन पंचायतों को शामिल तो कर लिया गया लेकिन अब तक पंचायत से नगर निगम में आये लोग सुविधा के लिए अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं.
बेगूसराय नगर निगम को बने चार से भी अधिक हो गये लेकिन अब तक भी कई वार्डो के लोग विकास के लिए टकटकी निगाहों से किसी उद्धारक की बाट जोह रहे हैं. इसी कड़ी में बेगूसराय नगर निगम का वार्ड नंबर एक सबसे उपेक्षित माना जा रहा है. सिंघौल पंचायत को नगर निगम में शामिल कर वार्ड नंबर एक बनाया गया. निगम में शामिल होने के बाद लोगों के चेहरे पर खुशी के भाव स्पष्ट रू प से झलक पड़े थे कि अब यहां के लोगों का कायाकल्प होगा. लेकिन यह आशा निराशा में बदल गयी.
समस्याओं के मकड़जाल में उलझा हुआ है वार्ड नंबर एक : बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र का वार्ड नंबर एक समस्याओं के मकड़जाल में उलझा हुआ है.
इस वार्ड में रहनेवाले ज्यादातर लोगों का कहना है कि पंचायत में रहने पर गरीबों को आवास भी मिलता था. निगम में आने के बाद आवास की बात तो दूर समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. वार्ड नंबर एक के आजाद नगर में अब तक मुख्य सड़क से पहुंच मार्ग नहीं बन पाया है और नहीं बिजली पहुंच पायी है. इसके चलते लोगों को अब भी अंधेरे में रहने को विवश होना पर रहा है.
जलनिकासी व नाले की समस्या से जूझ रहे हैं लोग:
वार्ड नंबर एक में जलनिकासी और नाले की समस्या विकराल रू प धारण किये हुए है. माली टोला में जलनिकासी भयंकर समस्या बनी हुई है. लोग आंगन में ही गड्ढे खोद कर गंदा पानी को जमा करते हैं.
बाद में उसे निकाल कर खेतों में फेंकते हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों को खेत मालिक से झगड़ा भी हो जाता है. मसजिद मुहल्ले से कुआं तक जो छोटी नाली है. उस पर ढक्कन नहीं लगाया गया है. कई बार छोटे-छोटे बच्चे एवं दोपहिया वाहन उसमें चला जाता है. वार्ड की समस्याओं के बारे में निगम प्रशासन को अवगत भी कराया गया लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक प्रयास अब तक नहीं किया जा सका है. जिससे इस वार्ड के लोगों की परेशानियां दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
क्या कहते हैं लोग
जब यह पंचायत था तो आवास भी मिलती थी. विकास की राशि से बेहतर काम भी होता था. निगम बनने के बाद विकास पूर्ण रू प से ठहर गया है. इस वार्ड की समस्याओं के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
शंकर साह, कंपाउडर
इस वार्ड के गजगौर में बिजली की समस्या जस-की-तस बनी हुई है. जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय कर्मियों का ध्यान आकृष्ट कराते-कराते लोग थक चुके हैं. वार्ड को विकसित बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रहा है. कहने को सिर्फ यह वार्ड नगर निगम में शामिल है.
मो शमसूल होदा, दवा दुकानदार
इस वार्ड के गजगौर मुहल्ले में एक हजार से ऊपर की आबादी अंधेरे में रहने को विवश हो रहे हैं. सड़क नहीं रहने के कारण 25 वर्षो से बरसात में कीचड़ से होकर ही घरों तक आना-जाना होता है. गंदगी को लेकर हमेशा महामारी फैलने की आशंका बनी रहती है.
मो शमीद,मजदूर
वार्ड नंबर एक में बिजली की समस्या जटिल है. जब तक 11 हजार वोल्ट का तार इस वार्ड में नहीं पहुंच पायेगा, तब तक समस्या बरकरार रहेगी. इस संबंध में सांसद, विधायक एवं संबंधित विभागों का भी कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है.
नाला और ढक्कन की राशि स्वीकृत है. निगम प्रशासन की लापरवाही से निर्माण का कार्य नहीं हो पा रहा है.
शंकर पासवान,पार्षद, वार्ड नंबर-1,बेगूसराय नगर निगम

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