अनुशासन कॉलेज की सबसे बड़ी पूंजी

मिथिला विवि में रामचरित्र सिंह कॉलेज की है अपनी विशिष्ट पहचान नये सत्र के लिए नामांकन में जुटा कॉलेज बेगूसराय/बीहट : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में रामचरित्र सिंह स्मारक महाविद्यालय, बीहट की अपनी विशिष्ट पहचान है. कॉलेज में नियमित वर्ग, बेहतर परीक्षा परिणाम, छात्र-छात्राओं के बीच अनुशासन सबसे बड़ी पूंजी है. इसी को ध्यान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2015 7:24 AM
मिथिला विवि में रामचरित्र सिंह कॉलेज की है अपनी विशिष्ट पहचान
नये सत्र के लिए नामांकन में जुटा कॉलेज
बेगूसराय/बीहट : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में रामचरित्र सिंह स्मारक महाविद्यालय, बीहट की अपनी विशिष्ट पहचान है. कॉलेज में नियमित वर्ग, बेहतर परीक्षा परिणाम, छात्र-छात्राओं के बीच अनुशासन सबसे बड़ी पूंजी है.
इसी को ध्यान में रखते हुए कॉलेज के प्राचार्य से लेकर शिक्षक एवं कर्मियों के द्वारा गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की मुहिम में जुटे हुए हैं. स्थापना के बाद से बीहट एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच शिक्षा एक आंदोलन का रू प ले चुका है. यद्यपि यहां अंतर जिले के छात्र-छात्राओं की भी संख्या कम नहीं है. यही कारण है कि इंटर एवं स्नातक डिग्री स्तर के वर्गो में नामांकन के समय काफी भीड़ जुटती है.
इस कॉलेज में नहीं है ऑन लाइन आवेदन की व्यवस्था : रामचरित्र सिंह स्मारक महाविद्यालय, बीहट में ऑन लाइन नामांकन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. महाविद्यालय प्रशासन की सजगता एवं कर्मियों की कर्मठता तथा निष्पक्षता के कारण छात्र-छात्राओं को अतिरिक्त परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है.
मूलत: इस कॉलेज में गांव के बेटे-बेटी पढ़ाई करते हैं लेकिन कॉलेज की व्यवस्था को लेकर यहां गांव के अलावे शहरी क्षेत्र से भी छात्र-छात्रा नामांकन कराने पहुंचते हैं. नामांकन के कार्यो में भी पूरी पारदर्शिता बरती जाती है. कॉलेज में 75 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की उपस्थिति हो इसका भी पूरा ख्याल कॉलेज प्रशासन के द्वारा रखा जाता है.
कॉलेज की है ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :
वर्ष 1970 में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार सरकार के प्रथम विद्युत एवं सिंचाई मंत्री रामचरित्र सिंह की स्मृति में कॉमरेड चंद्रशेखर सिंह एवं आस-पास के कतिपय शिक्षा प्रेमियों के अथक प्रयास से इस कॉलेज की स्थापना हुई. सन 1974 में भागलपुर विश्वविद्यालय से इंटर के तीनों संकायों में पढ़ाई की स्वीकृति प्रदान की गयी.

Next Article

Exit mobile version