नक्सलियों के लिए सेफ जोन है मध्य क्षेत्र

चिंता का विषय : किसी अनहोनी को ले जिले के लोगों में हमेशा बनी रहती है दहशत जिले के कई भागों में नक्सलियों की जड़ें हैं मजबूत समय-समय पर नक्सली आपराधिक वारदात को देते हैं अंजाम बेगूसराय/छौड़ाही : जिले के कई क्षेत्रों में नक्सली अपना पांव जमाये हुए हैं. नतीजा है कि समय-समय पर वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 7:50 AM
चिंता का विषय : किसी अनहोनी को ले जिले के लोगों में हमेशा बनी रहती है दहशत
जिले के कई भागों में नक्सलियों की जड़ें हैं मजबूत
समय-समय पर नक्सली आपराधिक वारदात को देते हैं अंजाम
बेगूसराय/छौड़ाही : जिले के कई क्षेत्रों में नक्सली अपना पांव जमाये हुए हैं. नतीजा है कि समय-समय पर वे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस के समक्ष सिरदर्द पैदा करते रहे हैं. नक्सलियों की यह हरकत कोई नयी बात नहीं है, वरन वर्षो से बेगूसराय जिला नक्सली हरकत के लिए जाना जाता है. कई बार पुलिस प्रशासन के द्वारा नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई भी की गयी. पुलिस को सफलता भी मिली, लेकिन नक्सली अपनी हरकत से बाज नहीं आते हैं. नक्सलियों की इस हरकत से जिले के लोगों में भी हमेशा दहशत का वातावरण बना रहता है.
नक्सली मेंगो की गिरफ्तारी के बाद उठने लगे कई सवाल : बेगूसराय-समस्तीपुर- खगड़िया के सीमावर्ती इलाके में बीते एक दशक से सक्रिय बताये जा रहे पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षित हार्डकोर नक्सली खुदाबख्त उर्फ मेंगो की छौड़ाही मुख्यालय से अक्तूबर 2013 में हुई गिरफ्तारी के बाद इस इलाके में नक्सल गतिविधि को लेकर कई सवाल उठने लगे. चर्चा है कि एक दशक से उक्त नक्सली गोपनीय तरीके से इस मध्य क्षेत्र में संगठन विस्तार का काम देख रहा था.
ऐसी हालत में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर हार्डकोर नक्सली खुदाबख्त उर्फ मेंगो अपने संगठन विस्तार के मकसद में कहां तक कामयाब हो सका है. लोगों में चर्चा है कि नक्सली जिले के मंझौल व बखरी अनुमंडल क्षेत्र में कहां तक अपनी जड़ें जमायी होंगी.
नक्सली कहां तक हुए होंगे अपने मंसूबे में कामयाब :बताया जाता है कि माओवादी गंगा गंडक एरिया कमेटी का एरिया कमांडर बिहारी पासवान उर्फ राजेश उर्फ कमलेश्वरी का ससुर हार्डकोर नक्सली खुदाबख्श उर्फ मेंगो को मध्य क्षेत्र में संगठन विस्तार की जिम्मेवारी थी.
पश्चिम बंगाल से प्रशिक्षित खुदाबख्श की चार पुत्रियां नगमा उर्फ सोनिया, मेसी व एक अन्य दामाद भी हार्डकोर नक्सली बताये जाते हैं. सीधे तौर पर नक्सली का एक कुनवा छौड़ाही में रह कर 10 साल से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. इस बात का 10 साल बाद जब खुफिया विभाग को पता चला तो लोकल बेगूसराय पुलिस की मदद से उसे धर दबोचा गया.
पूछताछ में हार्डकोर नक्सली ने जिले में हुई नक्सली वारदात में अपने संगठन की भूमिका को स्वीकारा, परंतु इस मध्य क्षेत्र में नक्सली संगठन ने 10 वर्षो के दौरान क्या-क्या गुल खिलाया होगा यह बात तो खुदाबख्श ही खुलासा कर सकता है.

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