कल्पवास मेला आज से, सजा बाजार

बेगूसराय (नगर) मिथिलांचल की पवित्र तीर्थनगरी सिमरिया गंगा घाट अगले एक माह तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आनेवाले श्रद्धालुओं से गुलजार होगा. इसके लिए बड़ी संख्या में कल्पवासी समेत अन्य श्रद्धालु सिमरिया गंगा घाट पहुंच गये हैं. एक माह तक चलनेवाले इस मेले के लिए जिला प्रशासन भी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 10:56 PM

बेगूसराय (नगर)

मिथिलांचल की पवित्र तीर्थनगरी सिमरिया गंगा घाट अगले एक माह तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आनेवाले श्रद्धालुओं से गुलजार होगा. इसके लिए बड़ी संख्या में कल्पवासी समेत अन्य श्रद्धालु सिमरिया गंगा घाट पहुंच गये हैं. एक माह तक चलनेवाले इस मेले के लिए जिला प्रशासन भी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा कल्पवासियों को उपलब्ध करायी जानेवाली सुविधाएं इस बार कहां तक धरातल पर उतर पाती हैं यह तो आनेवाला समय ही बता पायेगा. हालांकि, पूर्व के वर्षो तक सिमरिया कल्पवास मेले में जिला प्रशासन के लाख दावे के बाद भी कल्पवासियों को एक माह तक परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है. इसके बाद भी कल्पवासी गंगा के किनारे एक माह तक संकट ङोल कर भी गंगा में डुबकी लगाना अपने को सौभाग्य मानते हैं.

बुलंद हैं हौसले

इस बार गंगा में आयी उफान एवं पिछले दिनों आये चक्रवाती तूफान और बारिश के कारण इस बार गंगा किनारे एक माह तक गंगासेवन करनेवाले कल्पवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, गंगासेवन करनेवाले कल्पवासियों के हौसले बुलंद देखे जा रहे हैं. पानी के किनारे बालू के ढेर पर कल्पवासी पर्णक ुटीर बना कर गंगा में डुबकी लगाना शुरू कर दिये हैं. गंगा के किनारे सैकड़ों की संख्या में पर्णकुटीर बना कर रहनेवाले लोगों को इस बार महंगी दर पर सामान मुहैया कराया जा रहा है. पर्णकुटीर बनाने के लिए खरही, बांस, पॉलीथीन समेत अन्य सामान महंगी दर पर मिल रहे हैं.जरू रतमंद कल्पवासी महंगी दर पर भी सामान खरीद कर पर्णकुटीर बनाने में जुटे हुए हैं.

मूल्य निर्धारण नहीं

एक माह तक लगातार पर्णकुटीर में रह कर गंगा का सेवन करना सचमुच बड़ा कठिन कार्य है. कल्पवासियों को जिला प्रशासन द्वारा हर तरह की सुविधा मुहैया करायी जानी चाहिए. लेकिन, सिमरिया गंगा घाट की स्थिति यह है कि कल्पवासियों को काफी महंगी दर पर सामान उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा कल्पवासियों को उपलब्ध कराये जानेवाले सामान का मूल्य निर्धारण करना चाहिए. लेकिन, इस तरह की व्यवस्था नहीं रहने से कल्पवासियों को ऊंची कीमतों पर सामान की खरीदारी करनी पड़ती है.कल्पवासी को जलावन के लिए भी काफी पैसे व्यय करने पड़ते हैं. कल्पवासियों को उपलब्ध कराया जानेवाला जलावन भी काफी बढ़ी हुई कीमतों में बेचा जाता है. कल्पवास मेले को लेकर हजारों लोगों की भीड़ प्रतिदिन सिमरिया गंगा घाट में जुटती है. इसको लेकर पूरे माह तक सिमरिया मास मेला लोगों के आगमन से गुलजार रहता है. मेला को लेकर सिमरिया गंगा घाट का बाजार सज गया है. इसकी सुंदरता देखते ही बन रही है. इस मेले में जिले के अलावा लखीसराय, समस्तीपुर, मुंगेर, पटना समेत अन्य जिलों के व्यावसायी आकर अपनी दुकानें सजाते हैं. कल्पवास मेले को लेकर सिमरिया गंगा घाट का लगभग तीन मिलोमीटर का क्षेत्र बिजली एवं जेनेरेटर की रोशनी से गुलजार हो गया है. चारों तरफ बिजली की रोशनी सिमरिया मेले की सुंदरता में चार चांद लगा रही है. दूर से ही कल्पवास मेले की भव्यता दिखाई पड़ती है. वहीं, राजेंद्र पुल के सड़क व रेल मार्ग से प्रतिदिन हजारों की संख्या में गुजरनेवाले लोग भी सिमरिया मेले की एक झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं.

तैनात किये गये स्वास्थ्यकर्मी

30 दिनों तक चलनेवाले इस कल्पवास मेले में कल्पवासियों के स्वास्थ्य को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है. लगाये गये स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सक, कर्मी, दवा, एंबुलेंस समेत अन्य सुविधाएं 24 घंटे मुहैया करायी गयी हैं. मेले को लेकर सिमरिया सिद्धाश्रम में चहल-पहल बढ़ गयी है. स्वामी चिदात्मन जी महाराज द्वारा कल्पवास मेले की पूरे माह में चार बार परिक्रमा की जाती है. इसमें हाथी-घोड़े के साथ सैकड़ों की संख्या में साधु-संत, कल्पवासी समेत अन्य लोग भाग लेते हैं. इसके अलावा प्रत्येक दिन सिद्धाश्रम के ज्ञान मंच पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का भी आयोजन किया जाता है. रात्रिकालीन भजन संध्या एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते रहे हैं. इस बार भी इस कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गयी है. 23 अक्तूबर को मेले की पहली परिक्रमा की जायेगी.

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