सुधरने की राह दिखाती है भागवत कथा : राधेश्याम
सुधरने की राह दिखाती है भागवत कथा : राधेश्यामतसवीर 2,- श्रद्धालुओं को संबोधित राधेश्याम शास्त्रीकथा सुनने उमड़ी रही श्रद्धालुओं की भीड़ नीमाचांदपुरा. दशहरे के मौके पर सदर प्रखंड के सीताराम उच्च विद्यालय, रजौड़ा में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. भागवत कथा को लेकर रजौड़ा-जिनेदपुर-सिकंदरपुर गांव में […]
सुधरने की राह दिखाती है भागवत कथा : राधेश्यामतसवीर 2,- श्रद्धालुओं को संबोधित राधेश्याम शास्त्रीकथा सुनने उमड़ी रही श्रद्धालुओं की भीड़ नीमाचांदपुरा. दशहरे के मौके पर सदर प्रखंड के सीताराम उच्च विद्यालय, रजौड़ा में नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. भागवत कथा को लेकर रजौड़ा-जिनेदपुर-सिकंदरपुर गांव में भक्ति में डूबा हुआ है. संध्या सात से रात्रि 10 बजे तक राम जन्मभूमि अयोध्या के महंत नृतगोपाल दास जी के शिष्य राधेश्याम शास्त्री द्वारा संगीतमय कथा सुनायी जाती है. इसी कड़ी में शुक्रवार की शाम श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक राधेश्याम जी शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सर्व समर्थ थे किंतु जन्म लेने के बाद वे कंस के कारागार से चले गये. कंस से युद्ध नहीं किया. भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को सुधरने का मौका दिया था. अंगुली का नाखून बढ़ने पर नाखून को काटा जाता है. न कि अगुंली को. ऐसे ही संबंधों में दरार को काट जाता है, संबंधों को नहीं. श्रीकृष्ण ने कंस को मामा की मान्यता देते हुए कंस को सुधरने का अवसर दिया था. श्री शास्त्री ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में बाप-बेटा, भाई-बहन, मां-बाप के संबंध बिखरने लगा है. ऐसे में भागवत कथा लोगों को सुधरने की राह दिखाती है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिनेदपुर के मुखिया सरोज कुमार, हरेराम राय, रजौड़ा की मुखिया गीता देवी, प्रसिद्ध पशु चिकित्सक डॉ अजीत कुमार, जोगी पोद्दार, नंदकिशोर राय आदि सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं.