सरकारी सम्मानों के वापस करने की निंदा
सरकारी सम्मानों के वापस करने की निंदा बीहट़ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते खतरे और देश के ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों द्वारा साहित्य अकादमी सम्मान तथा अन्य सरकारी सम्मानों को वापस किये जाने के समर्थन में दिनकर पुस्तकालय, सिमरिया में एक बैठक कर घटना की निंदा की गयी. पुस्तकालय अध्यक्ष विश्वंभर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक […]
सरकारी सम्मानों के वापस करने की निंदा बीहट़ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते खतरे और देश के ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों द्वारा साहित्य अकादमी सम्मान तथा अन्य सरकारी सम्मानों को वापस किये जाने के समर्थन में दिनकर पुस्तकालय, सिमरिया में एक बैठक कर घटना की निंदा की गयी. पुस्तकालय अध्यक्ष विश्वंभर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सचिव मुचकुंद कुमार मोनू ने कहा कि जब एक तरफ देश में सांप्रदायिक जातीय असहिष्णुता में वृद्धि एवं दाभोलकर गोविंद पंसारे, प्रो एम कुलबुर्गी और दादरी हत्याकांड हो रहे हैं, तो इस देश में सम्मान महज दिखावा है. उन्होंने देश भर के साहित्यकारों द्वारा सम्मान वापस किये जाने के प्रति आभार प्रकट किया आैर कहा कि इससे संस्कृतिकर्मियों को बल मिलेगा. बैठक में प्रवीण प्रियदर्शी, रामनाथ सिंह, संजीव, फिरोज, राधे कुमार, राजेश रंजन, जितेंद्र झा, मनीष कुमार आदि लोग उपस्थित थे.