तपोभूमि में परिणत हुआ सिमरिया गंगा तट

तपोभूमि में परिणत हुआ सिमरिया गंगा तट बीहट़ आदि कुंगस्थली सिमरिया धाम का संपूर्ण इलाका तपोभूमि परिणत हो गया है. अहले सुबह से ही कल्पवासियों व अाध्यात्मिक जीवन शुरू हो जाता है. गंगा की धवल धार में कल्पवासियों द्वारा गंगा स्नान, दीप-दान, तुलसी चौरा में दिया-बाती दिखाने, आकाश दीप जलाने तथा विभिन्न खालसाधारियों के पंडालों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 6:18 PM

तपोभूमि में परिणत हुआ सिमरिया गंगा तट बीहट़ आदि कुंगस्थली सिमरिया धाम का संपूर्ण इलाका तपोभूमि परिणत हो गया है. अहले सुबह से ही कल्पवासियों व अाध्यात्मिक जीवन शुरू हो जाता है. गंगा की धवल धार में कल्पवासियों द्वारा गंगा स्नान, दीप-दान, तुलसी चौरा में दिया-बाती दिखाने, आकाश दीप जलाने तथा विभिन्न खालसाधारियों के पंडालों से धूप-दीप और हवन से वातावरण सुवासित होने लगा है. साधु-संतों के प्रवचन और कीर्तन के साथ-साथ गंगा तट पद कई वैदिक लौकिक अनुष्ठानों की देखना अद्भुत व अलौकिक है. पंडालों के भीतर श्रद्धालुओं को अध्यात्म का चरण आनंद और संस्कृति दर्शन व परंपरा का साकार एक साथ देखने-सुनने को मिल रहा है.

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