20 वर्षों से उपेक्षित है भगवानपुर प्रखंड के दामोदरपुर से पासोपुर तक जानेवाला पथ
बेगूसराय/भगवानपुर : सड़क के नाम पर बिहार में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन समय से पहले सड़क दम तोड़ने लगती है. इसका प्रमुख कारण है कि सड़क बनाने के दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है. सड़क निर्माण कार्य में लगी एजेंसी एवं संवेदकों के द्वारा अधिक-से-अधिक पैसे बचाने की होड़ […]
बेगूसराय/भगवानपुर : सड़क के नाम पर बिहार में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन समय से पहले सड़क दम तोड़ने लगती है. इसका प्रमुख कारण है कि सड़क बनाने के दौरान गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जाता है. सड़क निर्माण कार्य में लगी एजेंसी एवं संवेदकों के द्वारा अधिक-से-अधिक पैसे बचाने की होड़ में सड़क तो बना देती है लेकिन सड़क बनने के साथ ही वह जर्जर भी होने लगती है.
इसका गवाह जिले के कई प्रखंडों में दर्जनों सड़कें आज भी इसका गवाह बनी हुई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हो या अन्य योजना से बनाई जानेवाली सड़क हो़ सबों में गुणवत्ता का घोर अभाव है. नतीजा है कि सरकारी राशि खर्च होने के बाद इसका वास्तविक लाभ लोगों को नहीं मिल पाता है. सड़क को लेकर उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं लोगभगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के दामोदरपुर से पासोपुर तक जानेवाला पथ अति जर्जर रहने से करीब 20 वर्षों से दामोदरपुर पंचायत के लोग उपेक्षा के शिकार हैं. इस जर्जर सड़क के माध्यम से दामोदरपुर पंचायत के करीब 16 से 20 हजार लोगों का प्रतिदिन आवागमन होता है.
भगवानपुर अस्पताल, भगवानपुर थाना, भगवानपुर प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय एवं भगवानपुर बाजार आने-जाने का यह एक प्रमुख मार्ग है. सबसे अधिक परेशानी लोगों को बरसात के दिनों में होती है. प्रतिदिन इस जर्जर सड़क में लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल तक पहुंचते हैं. स्कूली बच्चों, वृद्ध व मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि इसी सड़क से पदाधिकारी एवं अन्य आला अधिकारियों की गाड़ियां भी हिचकोले मारते हुए गुजरती हैं लेकिन इस सड़क के जीर्णोद्धार की दिशा में अब तक किसी पदाधिकारियों ने सकारात्मक पहल करने की जरूरत नहीं समझी, जिससे लोगों में घोर निराशा का भाव देखा जा रहा है.
सड़क की समस्या से बेफिक्र हैं जनप्रतिनिधि20 वर्षों से किसी भी समस्या का निराकरण नहीं होना बड़ी बात है. इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी इस पंचायत के लोगों का वोट लेने तक मतलब है. अल्पसंख्यक बहुल इस इलाके में जनप्रतिनिधियों ने भी उनके साथ वर्षो से नाइंसाफी कर रहे हैं. जिससे अब ऐसे जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है. यहां के लोग अब आंदोलन के मूड में आ गये हैं. लोगों का कहना है कि आने वाले चुनाव के पूर्व अगर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इस क्षेत्र के लोग इस बार जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने का काम करेंगे. यह सड़क जानलेवा बना हुआ है.
कई बार जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन इसकी सुधि लेनेवाला कोई नहीं दिखाई पड़ता है. सड़क की जर्जरता हमलोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. मो अजादूर रहमानछात्र, दामोदरपुर,भगवानपुरपासोपुर से भगवानपुर आने-जाने में जिस तरह की परेशानी होती है उसके बारे में बयां करने से शरीर में सिहरन पैदा होने लगती है. पूरे बिहार में सड़कें बन रही है लेकिन यहां के लोगों को आज भी उपेक्षा के भाव से देखा जा रहा है. डॉ नरेश रायग्रामीण, पासोपुर,भगवानपुरसड़क की समस्या काफी गंभीर है.
कई बार विधायक एवं सांसद को इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन इस पर अब तक ठोस पहल नहीं होना शासन और प्रशासन की उपेक्षा को दरसाता है. राजकुमारी देवीमुखिया, दामोदरपुर पंचायत, भगवानपुरइस सड़क की समस्या को जिला पर्षद में भी उठाया गया है. यह सड़क प्रधानमंत्री योजना से स्वीकृत है लेकिन सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो रहा है. विभाग को अविलंब पहल कर इसका कार्य शुरू करवाना चाहिए ताकि लोगों का आक्रोश व परेशानी कम हो सके.
मोहिनी देवीजिला पार्षद, भगवानपुरइस समस्या को हमने विधानसभा में भी उठाया है. इसके लिए टेंडर भी हुई है. हमलोग लगे हुए हैं. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करवाया जायेगा. यह समस्या काफी गंभीर है. जनता की आवाज को कुंठित नहीं होने दिया जायेगा.अवधेश राय निवर्तमान विधायक, बछवाड़ा विस क्षेत्रदामोदरपुर-पासोपुर सड़क एक नजर मेंसड़क की लंबाई पांच किलोमीटर20 वर्षों से सड़क बना हुआ है जर्जरप्रधानमंत्री सड़क योजना से स्वीकृत होने के बाद भी नहीं हो रहा है कामभगवानपुर बाजार, अस्पताल,
थाना व प्रखंड कार्यालय जाने का मुख्य मार्गप्रतिदिन दर्जनों लोग होते हैा दुर्घटनाग्रस्त16 से 20 हजार की आबादी का प्रतिदिन होता है आवागमन20 वर्ष पूर्व आरइओ से बना था उक्त सड़कजर्जर सड़क को लेकर क्षेत्रीय लोग आंदोलन के मूड मेंकार्रवाई के नाम पर शासन व प्रशासन का मिला सिर्फ आश्वासन