आक्रोश : पूर्णिमा पर सिमरिया में गंगा स्नान के लिए उमड़ी कल्पवासियों की भीड़, सुविधा के प्रति खन्नि हैं कल्पवासी

आक्रोश : पूर्णिमा पर सिमरिया में गंगा स्नान के लिए उमड़ी कल्पवासियों की भीड़, सुविधा के प्रति खिन्न हैं कल्पवासी जिलाधिकारी की सक्रियता के बाद भी पदाधिकारी नहीं दिखा रहे तत्परता, नहीं हो पाया है घाटों की मुकम्मल सफाईबेगूसराय(नगर)/बीहट . आश्विन पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को सिमरिया में कल्पवासियों की भीड़ गंगा स्नान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2015 6:42 PM

आक्रोश : पूर्णिमा पर सिमरिया में गंगा स्नान के लिए उमड़ी कल्पवासियों की भीड़, सुविधा के प्रति खिन्न हैं कल्पवासी जिलाधिकारी की सक्रियता के बाद भी पदाधिकारी नहीं दिखा रहे तत्परता, नहीं हो पाया है घाटों की मुकम्मल सफाईबेगूसराय(नगर)/बीहट . आश्विन पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को सिमरिया में कल्पवासियों की भीड़ गंगा स्नान के लिए उमड़ पड़ी. अहले सुबह से ही कल्पवासी समेत अन्य श्रद्धालु गंगा घाट पहुंच कर हर-हर गंगे के जयकारे के बीच गंगा में डुबकी लगायी. कल्पवासियों व अन्य श्रद्धालुओं के गंगा स्नान को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं. गंगा घाटों की जहां बैरिकेडिंग कर दी गयी है, वहीं गंगा स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं पर एसडीआरएफ व गोताखोरों की टीम पैनी नजर रखे हुए हैं. हालांकि राजकीय कल्पवास मेले में शासन और प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधा से कल्पवासी संतुष्ट नहीं दिखाई पड़ रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं कि कल्पवास मेले को लेकर जिलाधिकारी सीमा त्रिपाठी काफी गंभीर हैं. अब तक कई बार मेले को लेकर सिमरिया गंगा घाट का निरीक्षण कर चुकी है. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी संबंधित पदाधिकारियों को कड़ा निर्देश देते हुए मेले में साफ-सफाई व अन्य सुविधाओं की मुकम्मल व्यवस्था कराने का फरमान जारी किया है. इसके बाद भी संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा मेला शुरू होने के बाद भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं करायी जा सकी है, जिससे कल्पवासी खिन्न दिखाई पड़ रहे हैं. गंगा घाट में गंदगी का अंबार पदाधिकारियों की कार्यशैली की पोल खोल रही है. इसके बाद भी कल्पवासियों की भक्ति परवान पर है. चारों तरफ का माहौल भक्तिमय बना हुआ है. बालू के ढेर पर बनी कल्पवासियों के पर्णकुटीर में सुबह से शाम तक भक्ति की धारा प्रवाहित हो रही है. किसी पर्णकुटीर से गीता की आवाज ,तो किसी पर्णकुटीर से रामायण पाठ गंगा के किनारे रहे रहे कल्पवासियों के उत्साह को और बढ़ा रहा है. सबसे मनोरम दृश्य संध्या के समय में गंगा के किनारे देखने को मिलती है. जब एक साथ हजारों कल्पवासी आरती कर जलते हुए दीप को गंगा में प्रवाहित करते हैं.

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