पारंपरिक गीतों से गुंजायमान हो गंगा घाट
बेगूसराय : सिमरिया गंगा घाट कई मायने में प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र रहा है. इसी आस्था का नतीजा है कि यहां पहुंच कर कई तरह का संस्कार किया जाता है. समय-समय पर सिमरिया गंगा घाट में इस तरह के आयोजित होनेवाले कार्यक्रमों में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है. इससे सिमरिया गंगा घाट का […]
बेगूसराय : सिमरिया गंगा घाट कई मायने में प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र रहा है. इसी आस्था का नतीजा है कि यहां पहुंच कर कई तरह का संस्कार किया जाता है. समय-समय पर सिमरिया गंगा घाट में इस तरह के आयोजित होनेवाले कार्यक्रमों में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है.
इससे सिमरिया गंगा घाट का इलाका लोगों की भीड़ से गुलजार बना रहता है. सोमवार को शुभ मुहुर्त होने को लेकर सिमरिया गंगा घाट में मुंडन करानेवाले लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. चारों तरफ से पहुंच रहे वाहनों का काफिला व लोगों की भीड़ देखते ही बन रही थी. कहीं आॅर्केस्ट्रा, तो कहीं डीजे तो कहीं बैंड-बाजे की धुन पर लोग झूम रहे थे.
महिलाओं के द्वारा गाये जा रहे गीत बौआ के मौसी हजमा तोरे देबौ रे, धीरे-धीरे काटिहें बौआ के केस जैसे गीतों से सिमरिया गंगा घाट में गूंज रहा है. प्रशासन को भी वाहनों और लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. सिमरिया गंगा घाट के होटलों में भी जबरदस्त भीड़ देखी गयी.
स्थानीय पंडा के अनुसार इस शुभ मुहुर्त को लेकर लगभग एक हजार बच्चों का मुंडन संस्कार कराया गया. देर शाम तक सिमरिया गंगा घाट में लोगों की भीड़ बनी रही.