उदासीनता : राजस्व वसूली में अव्वल व सुविधा में फिसड्डी साबित हो रहा है जिला निबंधन कार्यालय, शौचालय से लेकर प्रतीक्षालय की नहीं है व्यवस्था
उदासीनता : राजस्व वसूली में अव्वल व सुविधा में फिसड्डी साबित हो रहा है जिला निबंधन कार्यालय, शौचालय से लेकर प्रतीक्षालय की नहीं है व्यवस्थातसवीर-6,7,तसवीर-जिला निबंधन कार्यालय एवं शौचालय की स्थितिकरोड़ों राजस्व देनेवाले इस निबंधन कार्यालय का नहीं है कोई लुक बेगूसराय (नगर). जिले में सबसे बेहतर राजस्व देनेवाले निबंधन कार्यालय आम जनता को सुविधा […]
उदासीनता : राजस्व वसूली में अव्वल व सुविधा में फिसड्डी साबित हो रहा है जिला निबंधन कार्यालय, शौचालय से लेकर प्रतीक्षालय की नहीं है व्यवस्थातसवीर-6,7,तसवीर-जिला निबंधन कार्यालय एवं शौचालय की स्थितिकरोड़ों राजस्व देनेवाले इस निबंधन कार्यालय का नहीं है कोई लुक बेगूसराय (नगर). जिले में सबसे बेहतर राजस्व देनेवाले निबंधन कार्यालय आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रहा है. प्रतिदिन लाखों का राजस्व देनेवाले इस निबंधन कार्यालय का कोई बाहरी लुक नहीं है. सुबह से शाम तक इस कार्यालय में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आनेवाले लोगों का मेला लगा रहता है लेकिन अगर किसी को महज शौचालय की आवश्यकता महसूस हो जाये, तो इसके लिए घंटों चक्कर लगाना पड़ता है. शौचालय से लेकर प्रतीक्षालय तक यहां समुचित व्यवस्था नहीं है. नतीजा है कि आनेवाले लोग यहां की व्यवस्था से खिन्न होकर जिला प्रशासन एवं निबंधन विभाग को कोसते नजर आते हैं.काम को निबटाने में लगे कातिबों के लिए भी नहीं है बैठने की उचित व्यवस्थाराजस्व वसूली का माध्यम भूमि निबंधन कार्यों से जुड़े कातिबों को भी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है. कातिबों को बैठने के लिए कैंपस में एकमात्र बड़ा हॉल है, जिसे जिला निबंधन कातिब संघ के पैसे से ही निर्माण किया गया है. रजिस्टर्ड एवं गैर रजिस्टर्ड कातिबों की संख्या लगभग दो सौ से ऊपर है. इसके लिए एक मात्र हॉल छोटा पड़ जाता है. कैंपस के अंदर कार्यालय के पूरबी भाग में जो कातिब के लिए जो शेड बना हुआ था. उसे भी तोड़ दिया गया था. कातिबों एवं आम जनों के लिए जो शौचालय बना हुआ था. उसे भी आमलोगों के लिए बाधित कर देने के कारण कई महीनों से निबंधन कार्यालय के प्रांगण में शौचालय की समस्या से आमलोगों एवं वहां काम करनेवाले कातिबों को जूझना पड़ रहा है. नहीं के बराबर है कोई प्रतीक्षा भवनजिला निबंधन कार्यालय में सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन महिला व पुरुष पहुंचते हैं, जिसके लिए प्रतीक्षा भवन नहीं है. नतीजा है कि पुरुष एवं महिलाएं कार्यालय एवं कार्यालय के बाहर खड़े रहने को विवश होते हैं. बताया जाता है कि एकमात्र छोटा-सा प्रतीक्षा हॉल में अब कचरे रखने का कार्य किया जा रहा है. प्रतीक्षा हॉल नहीं रहने के कारण जमीन खरीद-बिक्री के लिए आनेवाले लोगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पेशाबखाने की सफाई की नहीं है मुकम्मल व्यवस्थाजिला निबंधन कार्यालय के प्रांगण में पेशाबखाने की सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है. आम आदमी एवं कातिबों व अन्य कर्मियों को जिला निबंधन कार्यालय के कैंपस में गंदगी भरे बदबूदार पेशाबखाने में ही नाक पर रूमाल रख कर जाना पड़ता है. कई बार निबंधन कार्यालय आनेवाले लोगों के द्वारा इस पर नाराजगी प्रकट करते हुए ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पायी है. नकल सर्च मुआयना कार्य बाधितकार्यालय मरम्मत में हो रहे विलंब के कारण नकल सर्च मुआयना का कार्य बाधित हो गया है. इससे आम आदमी को परेशानी एवं इस कार्य से जुड़े लोगों को रोजी-रोटी का संकट हो गया है. मोटरसाइकिल स्टैंड की नहीं है सुविधा निबंधन कार्यालय में मोटरसाइकिल स्टैंड की कोई सुविधा नहीं है. इससे लोगों को इधर-उधर मोटरसाइकिल लगा देने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इससे आमजनों में हमेशा वाहन चोरी की आशंका बनी रहती है. टंकी से निकल रही दुर्गंध से परेशान होते हैं लोगनिबंधन कार्यालय स्थित कातिब हॉल की बगल स्थित सुलभ शौचालय की टंकी के ढक्कन टूटा रहने के कारण सुबह से शाम तक दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं. इस समस्या को लेकर बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है. संख्या के अभाव में सीट का अभावकातिबों की संख्या के अनुपात में एक बैठक खाना होने से कातिबों को मजबूरी में चाय-पान की दुकानों पर ही टहलना पड़ता है. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं. इस समस्या को लेकर निबंधन पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन इस दिशा में ठोस पहल अब तक नहीं हो पाया है. क्या कहते हैं लोगमैं यहां जमीन की खरीद-बिक्री के कार्य को लेकर जब भी आता हूं, तो मुझे कड़ी धूप में ही इधर-उधर भटकना पड़ता है. प्रतीक्षा भवन नहीं रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एमके सुमननिबंधन कार्यालय राजस्व में अव्वल है और सुविधा देने में फिसड्डी है. यहां किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लोगों को शौचालय जाने के लिए भी सोचना पड़ता है. पिंटू कुमारबाइक स्टैंड नहीं रहने के कारण सड़क पर मोटरसाइकिल लगाते हैं. जब कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है, तो मोटरसाइकिल लगाना एक बड़ी समस्या बन जाती है. मनोज कुमारजमीन खरीद-बिक्री के कार्यों से यहां आने पर हमलोग परेशान हो जाते हैं. यहां न बैठने की सुविधा है और न ही शौचालय की बेहतर व्यवस्था है. पुरुषों से अधिक महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राम ललित महतोजिला निबंधन कार्यालय में प्रतीक्षालय, शौचालय एवं अन्य सुविधाओं के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है. जल्द ही लोगों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी. नगर निगम प्रशासन का भी इसमें बेहतर सहयोग मिल रहा है. डॉ संजय सिन्हाजिला अवर निबंधन पदाधिकारीबेगूसराय