जेनेरिक दवा जनता के बीच उपलब्ध कराने के लिए जोरदार पहल करने की जरूरत : कंगन
जेनेरिक दवा जनता के बीच उपलब्ध कराने के लिए जोरदार पहल करने की जरूरत : कंगन तसवीर-18-सुभाष कुमार कंगनबेगूसराय (नगर). बाजारों में इन दिनों दवा के नाम पर गरीबों को लूटा जा रहा है. इस दिशा में सरकार, गैर सरकारी संगठन,जनप्रतिनिधियों सभी को जोरदार पहल करने की जरू रत है. उक्त बातें समाजसेवी सुभाष कुमार […]
जेनेरिक दवा जनता के बीच उपलब्ध कराने के लिए जोरदार पहल करने की जरूरत : कंगन तसवीर-18-सुभाष कुमार कंगनबेगूसराय (नगर). बाजारों में इन दिनों दवा के नाम पर गरीबों को लूटा जा रहा है. इस दिशा में सरकार, गैर सरकारी संगठन,जनप्रतिनिधियों सभी को जोरदार पहल करने की जरू रत है. उक्त बातें समाजसेवी सुभाष कुमार कंगन ने एक बयान जारी कर कहीं. श्री कंगन ने कहा कि दवा कारोबार से जुड़े लोग जानते हैं कि इस कारोबार में दो तरीके से दवाइयां बेची जाती है. एक जेनेरिक के नाम पर तो दूसरा एथिकल के नाम पर. जेनेरिक व एथिकल को लेकर आमलोगों में भ्रम है कि एथिकल दवाइयां असली होती है और जेनेरिक नकली. जबकि वास्तविकता यह है कि जेनेरिक और एथिकल केवल बाजार की बनायी हुई दवा बेचने की तरकीब है. उन्होंने कहा कि जहां जेनेरिक दवा डायरेक्ट मार्केट में आती है और एथिकल दवाइयों को बेचने के लिए एक सांगठनिक ढांचा विकसित किया जाता है. परिणाम स्वरूप एथिकल दवाइयां मरीजों तक पहुंचते-पहुंचते अपनी लागत मूल्य से अप टू 1500 प्रतिशत महंगी बिकती है. और वहीं जेनेरिक दवाइयां डायरेक्ट मार्केट में आती है. इसका मूल्य 1500 प्रतिशत कम होती है. ऐसे में जेनेरिक एथिकल दवाइयां अपेक्षाकृत कम मूल्य पर बेचा जाता है. लेकिन दवा के कारोबारी दोनों तरह की दवा एक जैसे मूल्य पर बेचते हैं. जेनेरिक दवा जनता के बीच सीधा उपलब्ध हो इस दिशा में ठोस पहल करने की जरूरत है.