शहर में खुला नाला बना जानलेवा
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र कई समस्याओं से जूझ रहा है. नतीजा है कि शहर के लोगों को कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पर रहा है. निगम प्रशासन छोटी-छोटी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे पाता है. इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. हालांकि नगर निगम के मेयर शहर में साफ-सफाई […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
December 21, 2015 6:46 AM
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र कई समस्याओं से जूझ रहा है. नतीजा है कि शहर के लोगों को कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पर रहा है. निगम प्रशासन छोटी-छोटी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे पाता है. इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है.
हालांकि नगर निगम के मेयर शहर में साफ-सफाई समेत अन्य समस्याओं को लेकर काफी जागरूक दिखते हैं. खुद सुबह से सड़कों पर निकल कर इन समस्याओं का मुआयना कर उसे दूर करने की दिशा में पहल भी करते हैं लेकिन जब तक निगम प्रशासन के द्वारा पूरी तत्परता के साथ शहर की समस्याओं को दूर करने का प्रयास नहीं किया जायेगा,
तब तक शहर के लोगों की परेशानी बढ़ी रहेगी. शहरवासियों एवं विभिन्न संगठनों के द्वारा धरना- प्रदर्शन एवं अन्य आंदोलन के जरिये निगम प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है.
शहर के कई वार्डों में बड़े नाले पर भी नहीं है ढक्कन : बेगूसराय नगर निगम प्रशासन की लापरवाही कहिये या फिर उदासीनता कई वार्डों में बने नाले को बिना के ढक्कन के ही छोड़ दिया गया है. जो लोगों के लिए जानलेवा बना हुआ है. सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि छोटे नाले की बात को तो छोड़ दीजिए कई वार्डों में बड़े नाले को भी भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है.
शहर के मुंगेरीगंज, पोखड़िया, पुरानी मछली बाजार समेत अन्य जगहों पर नाला ओपेन पड़ा हुआ है. जो जानलेवा के साथ-साथ बीमारी को भी आंमंत्रण दे रहा है. बताया जाता है कि इन नाले के गंदे पानी से कीड़े-मकोड़े पूरे दिन विचरण करते रहते हैं. जो कभी भी महामारी का रूप ले सकता है.
आपको जान कर यह भी आश्चर्य होगा कि अगर शहर में सबसे अधिक गंदगी व अव्यवस्था का नजारा देखना हो, तो बेगूसराय नगर निगम के पूर्व मेयर आलोक कुमार अग्रवाल के घर के पास पहुंच कर इसका आकलन कर सकते हैं. गंदगी का अंबार, हल्की बारिश होने के बाद जलजमाव एवं ठीक महापौर के मुख्य द्वार के सामने बिना ढक्कन का नाला नगर निगम की कार्यशैली की पोल खोलती है.
क्षेत्र की सूरत को बदलने के लिए करनी होगी ठोस पहल : नगर निगम की सूरत बदलने के लिए निगम प्रशासन को ठोस पहल करनी होगी. शहर में जो भी छोटी-छोटी नाला, सड़क, पानी, रोशनी व अन्य समस्याएं हैं. उसे दूर करने के लिए प्लानिंग तैयार करना होगा, तभी हम नगर निगम को बेहतर बना सकते हैं और लोगों की समस्याएं भी दूर हो सकती हैं.
सफाई के बाद नाले को खुला ही छोड़ दिया जाता है : नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के द्वारा शहर के विभिन्न वार्डों नाला सफाई के बाद नाले के ढक्कन को खुला ही छोड़ दिया जाता है. नतीजा होता है कि वह लंबे समय तक ऐसे ही रह जाता है और लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है. इस दिशा में निगम के पदाधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है कि सफाई के बाद नाले के ऊपर ढक्कन दिया गया या नहीं.