कार्य करने में अक्षम साबित हो रहा है बुडको, विकास कार्य को धरातल पर देखने के लिए टकटकी लगाये हैं लोग

कार्य करने में अक्षम साबित हो रहा है बुडको, विकास कार्य को धरातल पर देखने के लिए टकटकी लगाये हैं लोग पांच साल में 10 प्रतिशत भी सिवरेज का काम नहीं करा पाया बुडको, बस स्टैंड व लाइट परियोजना की रफ्तार भी धीमी,विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय (नगर). शहरी क्षेत्र को चकाचक करने के लिए कई महत्वपूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2015 6:37 PM

कार्य करने में अक्षम साबित हो रहा है बुडको, विकास कार्य को धरातल पर देखने के लिए टकटकी लगाये हैं लोग पांच साल में 10 प्रतिशत भी सिवरेज का काम नहीं करा पाया बुडको, बस स्टैंड व लाइट परियोजना की रफ्तार भी धीमी,विपिन कुमार मिश्रबेगूसराय (नगर). शहरी क्षेत्र को चकाचक करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने बिहार अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(बुडको) को जिम्मेवारी सौंपी गयी. निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के बीच आस भी जगी कि नामी एजेंसी बुडको के द्वारा समय पर परियोजनाएं पूरी होंगी और शहर चकाचक दिखाई पड़ेगा. आज स्थिति यह है कि बुडको के पास वर्तमान में बेगूसराय की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं निगम क्षेत्र की हैं, जिसमें 2010 से ही बुडको के द्वारा सिवरेज का कार्य शुरू किया गया. अब तक इस सिवरेज का कार्य 10 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो पाया है, वहीं अन्य परियोजनाओं में बस स्टैंड का आधुनिकीकरण व शहर में लाइटिंग व्यवस्था का कार्य भी संतोषजनक नहीं है. नतीजा है कि बेगूसराय शहर के विभिन्न वार्डों में विकास की आस लगाये लोगों में निराशा का भाव देखा जा रहा है. : 58 करोड़ की लागत से शहर में होना था सिवरेज का कार्यबेगूसराय शहर में सिवरेज के लिए 58 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी. इस कार्य को कराने की जिम्मेदारी बुडको को दी गयी. वर्ष 2010 में बुडको के द्वारा शहर में सिवरेज कार्य का श्रीगणेश किया गया. प्रथम चरण में कुछ वार्डों में सड़क को तोड़ कर मिट्टी कटाई कर पाइप आंशिक रूप से बिछाया गया. कुछ दिनों तक कार्य प्रगति पर रहा, लोगों में आस जगी कि सिवरेज के तहत अब लोगों को जलजमाव से मुक्ति मिल जायेगी. लेकिन कुछ दिन बाद ही सिवरेज का कार्य शिथिल पड़ गया और कार्य लगभग बंद ही हो गया. नतीजा हुआ कि सिवरेज के तहत जलजमाव से मुक्ति की तमन्ना रखनेवाले लोगों के सामने एक अलग परेशानी उत्पन्न हो गयी. जगह-जगह सड़क को तोड़ कर ऐसे ही छोड़ दिया गया, जो बरसात के दिनों में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया. काफी दिन तक लोग इस समस्या से जूझते रहे. बाद में आनन-फानन में कार्य करानेवाली एजेंसी के द्वारा मिट्टी को ठीक-ठाक कर दिया गया. लेकिन सिवरेज का कार्य अधर में ही लटका रह गया. आज स्थिति यह है कि पांच साल पूरा होने पर है लेकिन सिवरेज का कार्य बेगूसराय शहर में ठप पड़ा हुआ है. क्या है सिवरेजसिवरेज योजना के तहत शहर का गंदे पानी और साफ पानी को एक जगह ले जाना था. इसके लिए खातोपुर के समीप जगह चिह्नित किया गया था. जहां ट्रीटमेंट प्लांट बनना था. इस योजना के तहत प्रत्येक घर के साफ व गंदा पानी को पाइप के माध्यम से उक्त स्थल तक लाना था और उस पानी को ट्रीटमेंट कर उसे खेतों में सिंचाई के लिए या फिर नदी में गिराने की योजना थी. लेकिन बुडको के द्वारा करायी जा रही यह योजना अधर में है. सिवरेज की समस्या को लेकर कार्य करानेवाली एजेंसी के खिलाफ कई बार निगम के मेयर व अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा सरकार स्तर तक शिकायत की गयी लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है .संतोषजनक नहीं है ट्रैफिक लाइट का कार्यशहर की सड़कों पर बेहतर वाहनों का परिचालन हो और लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो इसके लिए निगम की 65 जगहों पर ट्रैफिक लाइट लगाने की योजना बनी. इसके तहत 65 जगहों पर लाइट लगी भी. इसमें 35 डबल और 30 सिंगल ट्रैफिक लाइट लगायी गयी. बताया जाता है कि लाइट लगने के बाद कुछ दिनों तक रोशनी लोगों को देखने को मिली. आज की तिथि में अधिसंख्य लाइट नहीं जल रही है. सही देखरेख के अभाव में बुडको के द्वारा लगायी गयी यह लाइट महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. 4 करोड़ 50 लाख की लागत से बस स्टैंड का होना है कायाकल्पवर्षों से विकास के लिए बाट जोह रहा बेगूसराय बस स्टैंड के आधुनिकीकरण के लिए 4 करोड़ 40 लाख की राशि स्वीकृत की गयी. इस कार्य को भी कराने का जिम्मा बुडको को दिया गया. बस स्टैंड में कार्य का शिलान्यास भी किया गया. कार्य भी शुरू हुए लेकिन यह कार्य कछुए की गति से चल रहा है. बेगूसराय के लोगों को यह चिंता सता रही है कि कहीं सिवरेज वाला ही हाल बस स्टैंड में न हो जाये. जिस धीमी गति से बस स्टैंड में कार्य को शुरू किया गया है. उससे लोगों को यह विश्वास हो रहा है कि इस परियोजना को पूरा होने में भी कई वर्ष का समय लग सकता है. ज्ञात हो कि उक्त स्वीकृत राशि से बेगूसराय बस स्टैंड का कायाकल्प होना है. इसके तहत टर्मिनल, प्रवेश द्वार समेत अन्य विकास के कार्य कराये जाने हैं. बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव सबसे बड़ी समस्या45 वार्ड वाले नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है. जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरे वर्ष शहर के अधिसंख्य वार्ड के लोग जूझते नजर आते हैं. निगम प्रशासन के सामने भी जलजमाव से निबटना चुनौती बना हुआ रहता है. वर्ष 2010 में शुरू हुआ सिवरेज का कार्य अगर अब तक भी संपन्न हो गया रहता, तो शहर के लोगों को जलजमाव से मुक्ति मिल गयी होती और शहर चकाचक भी दिखाई पड़ता.: बुडको के द्वारा वर्ष 2010 में ही सिवरेज का कार्य शुरू किया गया. जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इस समस्या को लेकर कई बार नगर विकास मंत्री व विभाग के वरीय आधा अधिकारियों से स्वयं मिल कर ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन सिवरेज का कार्य ठप पड़ा हुआ है. इस समस्या को लेकर जल्द ही एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विभागीय मंत्री के यहां पहुंच कर इस समस्या को रखने का काम करेंगे. बुडको का कार्य संतोषजनक बेगूसराय शहर में नहीं है. लाइट का कार्य जो कराया गया है. उसमें अधिसंख्य लाइट काली स्थान से लेकर विष्णुपुर तक खराब पड़ी है. इस संबंध में भी काम करानेवाली एजेंसी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन समस्या जस-की-तस बनी हुई है. संजय कुमार सिंहमहापौरबेगूसराय नगर निगम: सिवरेज का कार्य कुछ तकनीकी गड़बड़ी के चलते बंद पड़ा हुआ है. लाइट का कार्य पूरा हो चुका है. कुछ लाइट नहीं जलने की बात सामने आयी है. इसे ठीक जल्द ही करा लिया जायेगा. बस स्टैंड में भी काम शुरू हो चुका है. इस कार्य में भी तेजी लायी जायेगी.जाहिद अहमदउप परियोजना निदेशकबुडको \\\\B

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