बदहाली पर आंसू बहाने को विवश पशु अस्पताल
बदहाली पर आंसू बहाने को विवश पशु अस्पताल तेघड़ा. प्रखंड में पशु चिकित्सालय का भवन तो आलीशान हैं, किंतु चिकित्सक एवं दवा के अभाव में किसान और पशुपालकों के लिए यह नकारा साबित हो रहा है. बताया जाता है कि यहां पदस्थापित प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी दूसरे विभागों के कार्य में व्यस्त रहते हैं, वहीं भ्रमणशील […]
बदहाली पर आंसू बहाने को विवश पशु अस्पताल तेघड़ा. प्रखंड में पशु चिकित्सालय का भवन तो आलीशान हैं, किंतु चिकित्सक एवं दवा के अभाव में किसान और पशुपालकों के लिए यह नकारा साबित हो रहा है. बताया जाता है कि यहां पदस्थापित प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी दूसरे विभागों के कार्य में व्यस्त रहते हैं, वहीं भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी के दर्शन नहीं होते हैं. स्थिति यह है कि आदेशपाल एवं अन्य कार्यालय सहायक किसी तरह कार्यालय का संचालन करते हैं. पशुपालकों का आरोप है कि अधिकारियों के नहीं रहने से कारण सरकारी योजनाओं के लाभ से उन्हें वंचित रहना पड़ता है. कई पशुपालकों ने बताया कि रोगग्रस्त पशुओं का सही समय पर इलाज नहीं हो पाता है. किसान नेता दिनेश सहनी, आरटीआइ कार्यकर्ता रामपदारथ ठाकुर, समाजसेवी महेंद्र शर्मा आदि ने जिला प्रशासन से पशु चिकित्सालय को सुचारु रूप से संचालन की व्यवस्था कराने की मांग की है.