नहीं मिला अपहृत का सुराग

बेगूसराय (नगर)/भगवानपुर : वीरपुर प्रखंड के नौला निवासी भारतीय जनता युवा मोरचा के वीरपुर मंडल अध्यक्ष प्रीतम के अपहरण की घटना को लेकर जहां क्षेत्रीय लोगों एवं परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, वहीं इस अपहृत प्रीतम की बरामदगी को लेकर पुलिस प्रशासन भी कोई कसर नहीं छोड़ रखा है. अपहृत प्रीतम सकुशल पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2016 3:00 AM

बेगूसराय (नगर)/भगवानपुर : वीरपुर प्रखंड के नौला निवासी भारतीय जनता युवा मोरचा के वीरपुर मंडल अध्यक्ष प्रीतम के अपहरण की घटना को लेकर जहां क्षेत्रीय लोगों एवं परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, वहीं इस अपहृत प्रीतम की बरामदगी को लेकर पुलिस प्रशासन भी कोई कसर नहीं छोड़ रखा है.

अपहृत प्रीतम सकुशल पुलिस को हाथ लगे इसके लिए पुलिस कप्तान मनोज कुमार के निर्देश पर पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान बुधवार को शुरू कर दिया गया है. सुबह से लेकर देर शाम तक चलाये गये इस सर्च अभियान में हालांकि पुलिस प्रशासन को किसी प्रकार की सफलता हाथ नहीं लगी है लेकिन पुलिस कई पहलुओं को ध्यान में रख कर छापेमारी कर रही है. पूरे दिन इस छापेमारी को लेकर भगवानपुर एवं वीरपुर का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहा.

डीएसपी हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में 10 टीमें कर रही हैं छापेमारी : प्रीतम की बरामदगी के लिए पुलिस प्रशासन अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बुधवार को एसपी मनोज कुमार ने प्रीतम की बरामदगी के लिए सघन सर्च अभियान शुरू कराया. इस अभियान के तहत संजात गांव में डीएसपी हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राकेश रमण, इरशाद आलम समेत आधे दर्जन थानाध्यक्षों के अलावे लगभग दो सौ की संख्या में पुलिसकर्मियों ने सर्च अभियान चलाया.
इस अभियान के तहत हरिदेव चौरसिया के आवास, यूको बैंक संजात सहित अन्य संदिग्ध जगहों पर पुलिस की टीम ने पहुंच कर जांच की. पूरा इलाका इस सर्च अभियान को लेकर पुलिस छावनी में तब्दील रहा.
सुराग नहीं मिलने से परिजनों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की भी बढ़ रही है परेशानी : प्रीतम के गायब हुए तीन दिन बीत गये लेकिन किसी प्रकार का सुराग नहीं मिलने से परिजनों की परेशानियां काफी बढ़ गयी हैं. परिजन जहां किसी अनहोनी की आशंका को लेकर सहमे हुए हैं, वहीं पुलिस प्रीतम तक पहुंचने के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाह रही है.
हर पहलुओं को ध्यान में रख कर पुलिस की टीम अनुसंधान में जुटी हुई है. इस सर्च अभियान में जिला पुलिस के अलावे एफएसएल समेत अन्य कई जांच टीम भी इस घटना में अनुसंधान में लगी हुई है.
परिजनों में मचा हुआ है कोहराम : जैसे-जैसे समय बीत रहा है. वैसे ही परिजनों की आशंकाएं बढ़ रही हैं. पूरे दिन पीड़ित के घर पहुंचने का सिलसिला जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का आना लगातार जारी है. इधर प्रीतम की पत्नी, छोटे-छोटे बच्चे व परिवार के अन्य सदस्य प्रीतम के सकुशल लौटने के लिए टकटकी लगाये हुए हैं.
6 बज कर 42 मिनट से बंद हुआ प्रीतम का मोबाइल : प्रीतम की बरामदगी को लेकर जिला पुलिस कप्तान खुद चिंतित हैं. लगातार विभिन्न अभियानों की मॉनीटरिंग में लगे एसपी मनोज कुमार ने बताया कि 18 जनवरी को प्रीतम स्थानीय यूको बैंक में पहुंचा. 6 बज कर 38 मिनट तक वह बैंक में ही मौजूद रहा. इसके बाद 6 बज कर 42 मिनट से प्रीतम का मोबाइल बंद बताने लगा.
एसपी ने बताया कि प्रीतम की बाइक जो जली हुई अवस्था में मिली है. उसमें उसी बाइक से पेट्रोल निकाल कर बाइक का सिर्फ अगले हिस्से को जलाया गया है. एसपी ने बताया कि अब तक के अनुसंधान के क्रम में जो बातें सामने आ रही हैं.
उसके तहत प्रीतम के दुश्मनी का दायरा बहुत बड़ा है. प्रीतम जमीन के धंधे के साथ-साथ उसका किसी लड़की के साथ संबंध का भी मामला सामने आ रहा है. पुलिस की टीम सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सक्रियता से काम कर रही है. एसपी ने दावा किया है कि अनुसंधान में समय लग सकता है लेकिन पुलिस इस कांड का पूरी तरह से उद्भेदन करने में सफलता हासिल करेगी.
एसपी ने संगठनों एवं आमलोगों से भी अपील की है कि पुलिस को अनुसंधान करने में मदद करें. एसपी ने बताया कि इस घटना में परिजनों के द्वारा जिस किसी भी व्यक्ति पर शंका जाहिर की गयी है. उन सभी आरोपितों को पकड़ कर सघन पूछताछ कर रही है लेकिन गिरफ्तार लोगों के द्वारा इस घटना में अब तक अपनी संलिप्तता स्वीकार नहीं की है.
अपहृत रजनीश मामले में भी पुलिस कर रही है छापेमारी : चकिया ओपी क्षेत्र से अपहृत रजनीश का भी अब तक किसी प्रकार का सुराग नहीं मिल पाया है. एसपी ने बताया कि रजनीश की बरामदगी के लिए 25 बाइक दस्ता विभिन्न गांवों में सघन रूप से भ्रमण कर जानकारी प्राप्त कर रहा है. एसपी ने इस मामले में दावा किया है कि 24 घंटे के अंदर इस गिरोह का परदाफाश कर लिया जायेगा. इस घटना में भी जनसहयोग के माध्यम से भी पुलिस अनुसंधान कर रही है. ज्ञात हो कि रजनीश की बरामदगी नहीं होने से परिजनों की बेचैनी बढ़ती जा रही है.

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