अधिनियम का हो सफल क्रियान्वयन

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार का अधिनियम को लेकर बैठक डीएम ने इस संबंध में दिये गये निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करने को कहा बेगूसराय(नगर) : डीएम मो नौशाद युसूफ ने समाहरणालय स्थित कारगिल भवन में आयोजित बैठक में कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल क्रियान्वयन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.उन्होंनेे सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2016 4:20 AM

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार का अधिनियम को लेकर बैठक

डीएम ने इस संबंध में दिये गये निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करने को कहा
बेगूसराय(नगर) : डीएम मो नौशाद युसूफ ने समाहरणालय स्थित कारगिल भवन में आयोजित बैठक में कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल क्रियान्वयन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.उन्होंनेे सभी पदाधिकारियों को इस संबंध में प्रदत्त निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है. डीएम ने कहा कि जनता को नीयत समय सीमा के भीतर लोक शिकायत निवारण का अधिकार है.
सभी पदाधिकारियों को इस विषय पर संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी. उन्होंने कहा कि जिला, अनुमंडल, प्रखंड, अंचल एवं थाना स्तर के सभी पदाधिकारियों को इस अधिनियम के प्रावधानों व बारीकियों के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया है. अधिकारीगण प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारियों के आधार पर अधिनियम का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे.
क्या है अधिकार : बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आम जनता को एक निश्चित सीमा के अंदर परिवाद की सुनवाई एवं इसके निवारण का अधिकार प्रदान किया जायेगा. आम जनता को परिवाद पर सुनवाई के लिए किये गये विनिश्चिय, निर्णय के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त होगा. ज्ञात हो कि बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनियम को पूरे राज्य में पांच जून से लागू किया गया है.
अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए पद संरचना :जिला स्तर पर अपर समाहर्ता(लोक शिकायत निवारण) को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है. प्रमंडलीय आयुक्त, संबंधित विभागीय सचिव, प्रधान सचिव एवं विभागीय जांच आयुक्त प्रथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार एवं पुनरीक्षण प्राधिकार होंगे. अनुमंडल स्तर पर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की पदस्थापना की गयी है. अपर समाहर्त्ता , जिला पदाधिकरी एवं प्रमंडलीय आयुक्त क्रमश: प्रथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार एवं पुनरीक्षण प्राधिकार होंगे.
नीयत समय सीमा : लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, प्रथम अपीलीय प्राधिकार, द्वितीय अपीलीय प्राधिकार पुनरीक्षण प्राधिकार पर परिवाद, अपील के निवारण, विनिश्चय के लिए अधिकतम समय सीमा 60 कार्य दिवस निर्धारित किया गया है.नियत समय सीमा उस तिथि से प्रारंभ होगी,
जिस तिथि को परिवाद, अपील सक्षम प्राधिकार के समक्ष दायर किया गया हो.
परिवाद से अभिप्राय :इस अधिनियम के द्वारा आम जनता को राज्य सरकार द्वारा राज्य में चलायी जा रही किसी योजना,कार्यक्रम या सेवा के संबंध में कोई लाभ या अनुतोष मांगने पर ऐसा लाभ या अनुतोष प्रदान करने में विफलता या विलंब के लिए अथवा किसी लोक प्राधिकार के कार्य करने में विफलता से या उस लोक सेवक के द्वारा राज्य में प्रवृत्त किसी विधि, नीति, सेवा, कार्यक्रम या योजना के उल्लंघन में उत्पन्न किसी मामले में परिवाद दायर करने का अधिकार प्रदान किया गया है.
परिवाद पर सुनवाई :लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी परिवाद पत्र प्राप्त होने पर नीयत समय सीमा के भीतर परिवादी को सुनवाई का अवसर प्रदान करेगा. सुनवाई के दौरान परिवादी अपने दावे के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे. ज्ञात हो कि इस अधिनियम के अंतर्गत सुनवाई अर्द्ध न्यायिक प्रकृति की होगी.
द्वितीय अपीलीय प्राधिकार द्वारा कर्तव्यों के निवर्हण करने में विफल रहने वाले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी या अन्य कोई लोक प्राधिकार या प्रथम अपीलीय प्राधिकार के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है. नीयत समय सीमा के भीतर सुनवाई एवं निवारण का अवसर प्रदान करने में विफल रहने वाले लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी या अन्य कोई लोक प्राधिकार या प्रथम अपीलीय प्राधिकार पर शास्ति अध्यारोपित की जा सकती है. शास्ति की राशि कम से कम 500 रुपये और अधिक से अधिक 5000 रुपये होगी.
परिवाद दायर करने के माध्यम
परिवाद निम्नलिखित माध्यम से दायर किये जा सकते हैं
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय के निर्धारित काउंटर पर प्रस्तुत कर
डाक द्वारा
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम यथा इ मेल, ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल एप, एसएमएस के द्वारा
कॉल सेंटर के द्वारा

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