जलजमाव से त्रस्त हो रहे लोग

लगभग 22 हजार की जनसंख्या वाला नगर निगम का वार्ड 42 पानी,स्कूल,पोखर,बिजली जैसी प्रमुख समस्याओं से जूझ रहा है. इस वार्ड की प्रमुख समस्याओं में से एक जल निकास की समस्या है. बरसात के मौसम में राजीव नगर,बिष्णुपुर परांठ, कंगला काली स्थान में नाव चलाने की नौबत तक आ जाती है. लेकिन इन समस्याओं का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 5:32 AM

लगभग 22 हजार की जनसंख्या वाला नगर निगम का वार्ड 42 पानी,स्कूल,पोखर,बिजली जैसी प्रमुख समस्याओं से जूझ रहा है. इस वार्ड की प्रमुख समस्याओं में से एक जल निकास की समस्या है. बरसात के मौसम में राजीव नगर,बिष्णुपुर परांठ, कंगला काली स्थान में नाव चलाने की नौबत तक आ जाती है.

लेकिन इन समस्याओं का अब तक नहीं हो पाया है समाधान.
वार्ड के विकास के लिए गंभीर प्रयास करने की है जरूरत
बरसात के समय में उत्पन्न हो जाता है नारकीय दृश्य
बेगूसराय (नगर) : बेगूसराय नगर निगम में समस्याओं की कमी नहीं है. लगभग 22 हजार की जनसंख्या वाला नगर निगम का वार्ड 42 हरेक सुख-सुविधाओं से वंचित है. यहां की जनता को नगर निगम से मिलने वाली सुविधाओं का कोई फायदा नहीं मिलता है. वार्ड 42 के लोगों की मानें तो वार्ड की विभिन्न समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं.
कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे लोग :इस वार्ड के लोगों के अनुसार इस वार्ड में पानी,स्कूल,पोखर,बिजली जैसी प्रमुख समस्याएं मुंह बाये खड़ी है. लेकिन इन समस्याओं को लेकर कोई सार्थक पहल नहीं हो पा रही है.
नहीं है जलनिकासी का कोई विकल्प:
जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण पूरे बरसात में कई मोहल्ले में पानी जमा रहता है. मुख्य रूप से बरसात के मौसम में राजीव नगर,बिष्णुपुर परांठ, कंगला काली स्थान में नाव चलाने की नौबत तक आ जाती है. जिसके कारण स्थानीय लोग पूरी बरसात तक अपना घर छोड़ कर कहीं और रहने को विवश हो जाते हैं. मुख्य नाला नहीं रहने के कारण मजबूरन लोग अपने घर के आगे छोटा-छोटा गड्ढा करके पानी बहाते हैं. उस गड्ढे में जमे पानी से संक्रमण फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है.
सड़क की हालत है जर्जर :सड़क की हालात तो वैसे पूरे वार्ड में खराब है. लेकिन मुख्य रूप से शंभु सिंह के घर से लेकर चंद्रचूर सिंह के घर तक पैदल जाने लायक भी सड़क नहीं है. नौलखा मंदिर से लेकर कंगला काली स्थान होते हुए मकसूदन सिंह के घर तक पूरी तरह जर्जर हालत में सड़क है. इसके बावजूद भी कई मोहल्ले ऐसे हैं जिनकी सड़कों की हालत पूरी तरह जर्जर है. जीतन साह के घर से लेकर शिव मंदिर तक सड़क की हालत पूरी तरह से बद्तर है.
तीन स्कूलों के सहारे वार्ड 42 के बच्चों का भविष्य :वार्ड आयुक्त के अनुसार इस वार्ड में मात्र तीन विद्यालय हैं,जिसमें प्राथमिक विद्यालय दो और मध्य विद्यालय एक है. इतनी बड़ी आबादी के बावजूद भी इस वार्ड के बच्चों का भविष्य अधर में है. कुछ विद्यालयों में तो बच्चों के लिए पीने के पानी तक की भी व्यवस्था नहीं है.
बीपीएल परिवारों को नहीं मिलती सुविधाएं :वार्ड 42 में बहुत सारे ऐसे भी गरीब परिवार हैं जो खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ से वंचित हैं. जिन्हें सिर्फ केरोसिन ही मिल पाता है. वृद्धावस्था पेंशन से भी बड़ी संख्या में वृद्ध वंचित हैं,और जो लग इन योजनाओं के अंतर्गत आते हैं उन्हें भी समय पर राशि मुहैया नहीं करायी जाती है. अभी लगभग सात माह से वृद्धावस्था पेंशन की राशि लाभुकों को नहीं मिली है.
इस वार्ड में पढ़ाई के नहीं हैं उपयुक्त साधन
इतनी बड़ी आबादी के बावजूद इस वार्ड में एक भी हाईस्कूल नहीं है,और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी उपर्युक्त साधन नहीं है. यह बहुत ही खराब स्थिति है.
अजीत कसेरा,छात्र वार्ड 42
इस वार्ड में डोर टू डोर कचरा उठाने का कोई प्रबंध नहीं है , जिसके कारन यत्र-तत्र कचरा फेंक दिया जाता है. खास करके जल निकासी की समस्या इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है.
मिंटू कुमार, स्थानीय निवासी , वार्ड 42
हमारे मोहल्ले में जल निकासी की सबसे बड़ी समस्या है. हल्की सी वारिस में पानी ठेहुने तक आ जाता है,और काफी दिनों तक पानी जमा रहता है जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है.
वेदानंद,स्थानीय निवासी
इस वार्ड में समस्याओं की लंबी लाइन लगी है. चाहे वो सड़क हो या जल निकासी,शिक्षा या अन्य कोई समस्या . हर बार नये जनप्रतिनिधि आते हैं और नये-नये वायदे कर सो जाते हैं .
आनंद कुमार,छात्र,वार्ड 42
जलनिकासी की समस्या पूर्व से ही है, इस बार हमको जनता का आशीर्वाद मिला है सन 2018-19 तक हम जल निकासी की समस्या का समाधान कर देंगे.
गौतम राम, वार्ड आयुक्त 42
निगम के विभिन्न वार्डों में जलनिकासी को दूर करने के लिए लगातार पहल की जा रही है. इसके स्थायी समाधान के लिए भी प्रयास किया जा रहा है.
उपेंद्र प्रसाद सिंह,महापौर,बेगूसराय नगर निगम

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