निगम से पहले पंचायत में शामिल था यह वार्ड

कहीं झुके बिजली के तार, तो कहीं जलजमाव नगर निगम का वार्ड नंबर 13 अभी महत्वपूर्ण वार्ड माना जाता है़ इस वार्ड में महापौर उपेंद्र प्रसाद सिंह का घर भी पड़ता है. इस वार्ड की आबादी लगभग 16 हजार है़ इस पंचायत को वर्ष 2011 में नगर निगम में शामिल किया गया. इस वार्ड में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2016 4:32 AM

कहीं झुके बिजली के तार, तो कहीं जलजमाव

नगर निगम का वार्ड नंबर 13 अभी महत्वपूर्ण वार्ड माना जाता है़ इस वार्ड में महापौर उपेंद्र प्रसाद सिंह का घर भी पड़ता है. इस वार्ड की आबादी लगभग 16 हजार है़ इस पंचायत को वर्ष 2011 में नगर निगम में शामिल किया गया. इस वार्ड में अभी भी लगभग 200 गरीब लोगों के घरों में शौचालय नहीं बना है. सड़क पर जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है.पूरे वार्ड के अंदर बिजली का तार काफी नीचे लटका रहता है,जिससे लोगों के बीच कुछ घटना होने की आशंका बनी रहती है. इससे लोग परेशान रहते है़

जलजमाव की समस्या लोगों के लिए बनती है सिरदर्द

बेगूसराय(नगर) : नगर निगम का वार्ड नंबर 13 अभी वीआइपी वार्ड माना जाता है. क्योंकि महापौर उपेंद्र प्रसाद सिंह का घर भी इसी वार्ड के अंदर पड़ता है. इस वार्ड की आबादी लगभग 16 हजार है. इतनी बड़ी आबादी होने के बाद भी जो नगर निगम के द्वारा इस वार्ड को सुविधाएं मिलनी चाहिए. वो कहीं भी देखने को नहीं मिली है.
निगम से पहले पंचायत में शामिल था यह इलाका : नगर निगम में शामिल पहले यह वार्ड नागदह पंचायत के नाम से सदर प्रखंड बेगूसराय में पड़ता था. जिस समय यह वार्ड पंचायत के अंतर्गत पड़ता था. उस समय पंचायत स्तर से जितनी सुविधाएं सरकारी स्तर से मुहैया करायी गयी. उसके अनुपात में नगर निगम में शामिल होने के बाद कुछ नहीं मिला है. इस पंचायत को वर्ष 2011 में नगर निगम में शामिल किया गया.
नगर निगम में शामिल होने के बाद इस वार्ड के लोगों में आस जगी थी कि अब नगर निगम के द्वारा सभी गरीब लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण होगा. वार्ड की सड़कें चकाचक होंगी, घर-घर नल से वाटर सप्लाई, बिजली की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी. लेकिन ऐसा कुछ विशेष नहीं हुआ.
नहीं है अधिकांश घरों में शौचालय : अभी भी लगभग 200 गरीब लोगों के घरों में शौचालय नहीं बना है. सड़क पर जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है. पूरे वार्ड के अंदर बिजली का तार काफी नीचे लटका रहता है,जिससे लोगों के बीच कुछ घटना होने की आशंका बनी रहती है.
नहीं मिल पायी है इंदिरा आवास की सुविधा : नगर निगम में शामिल होने के बाद आज तक एक भी गरीब लोगों को इंदिरा आवास की सुविधा नहीं मिली है. इस वार्ड में थोड़ी सी बारिश में जलजमाव की समस्या हो जाती है. शिव मंदिर के निकट से लेकर बिशो सिंह के घर तक सड़क जर्जर व जलमग्न रहती है. इसके अलावा नाथो यादव के घर से एक गली वाली सड़क ओशो हाउस तक हमेशा जलमग्न बना रहता है.
नगर निगम की सुविधाएं नहीं
नगर निगम तो बन गया. इस वार्ड की जनता से निगम के अधिकारी टैक्स भी ले रहे
हैं. लेकिन सुविधाओं के नाम सिर्फ झुनझुना बजाकर दिखा रहे हैं.
बच्चु यादव, स्थानीय वार्ड निवासी
बिहार सकार एक तरफ महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सभी महिलाओं का दिल जीतने का काम किया है. लेकिन अभी भी इस वार्ड की सैकड़ों महिलाएं खुले में शौच को विवश हैं.
अनिता देवी,गृहणी
नगर निगम सिर्फ नाम का है. लेकिन इस वार्ड में हमारी जैसी सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रतिदिन स्कूल, कॉलेज में इस जर्जर जलमग्न सड़क से होकर जाती है. ज्यादा दिनों तक पानी जमा रहने से बदबू भी आता है. इसे देखने वाला कोई भी निगम के जनप्रतिनिधि या अधिकारी नहीं है.
काजल कुमारी, छात्रा
इस वार्ड के अंदर बिजली के लिए एक पोल से दूसरे पोल तक खींचे गये तार में कई जगहों पर 11 हजार वोल्ट के तार के ठीक नीचे 440 वोल्ट के तार से हमेशा बिजली प्रवाहित होती रहती है.
िरंकी कुमारी, छात्रा
मेरे वार्ड के अंदर सबसे बड़ी समस्या शौचालय और बिजली की बनी हुई है. करीब दो सौ परिवार के लोगों के पास शौचालय नहीं बना हुआ है. इसके अलावा बिजली के पोल में लगे तार काफी नीचे लटके हैं.
बबीता देवी, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर 13
वार्ड की समस्याओं को दुरुस्त करने के लिए पहल की जा रही है. स्थानीय पार्षदों से क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी है. जल्द ही वार्ड को विकसित किया जायेगा.
उपेंद्र प्रसाद सिंह, महापौर, बेगूसराय नगर निगम

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