रोड के लिए सड़क पर उतरे लोग

विरोध प्रदर्शन . आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी बेगूसराय-संजात पथ पर पर्रा चौक के समीप लगभग तीन घंटे तक आवागमन को किया ठप वीरपुर : राज्य सरकार भले ही सूबे में सड़क की व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा करती हो लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी जिले में कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2016 2:55 AM

विरोध प्रदर्शन . आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

बेगूसराय-संजात पथ पर पर्रा चौक के समीप लगभग तीन घंटे तक आवागमन को किया ठप
वीरपुर : राज्य सरकार भले ही सूबे में सड़क की व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा करती हो लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आज भी लोग सड़क के लिए इंतजार कर रहे हैं. सड़क अगर है भी तो वह इतनी जर्जर हो चुकी है कि उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. सड़क की दुर्दशा को लेकर इन दिनों जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में आक्रोशित लोग सड़क पर उतर कर आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को वीरपुर प्रखंड क्षेत्र के लक्ष्मीपुर सरौंजा गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने बेगूसराय-संजात पथ को पर्रा चौक के समीप लगभग तीन घंटे तक आवागमन को ठप कर दिया, जिससे लोग हलकान रहे.
इस दौरान आक्रोशित लोगों ने जिला प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. स्थानीय लोगों का कहना था कि वर्षों से इस सड़क की जर्जरता को लेकर लोग हलकान हो रहे हैं. कई बार शासन से लेकर प्रशासन तक का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन आज तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा सकी है. इस मौके पर ग्रामीण इफ्तुर रहमान, ललन कुमार, ओबेदुल रहमान, अरुण कुमार, विनो शर्मा, पंसस नवीन सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों लोग बैनर व पोस्टर के साथ नारेबाजी करते हुए सड़क पर धरना पर बैठ गये. ग्रामीणों का आरोप था कि बेगूसराय-संजात मुख्य पथ से लक्ष्मीपुर,सरौंजा गांव को जोड़ने वाली मुख्य पथ लगभग तीन किलोमीटर लंबी है. जो लगभग 15 वर्षों से निर्माणाधीन अवस्था में पड़ी है,
जिसकी हालत नारकीय बनी है. लेकिन प्रशासन के द्वारा उक्त सड़क के निर्माण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. सड़क जाम की सूचना मिलने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार, अंचलाधिकारी सुजीत सुमन,सअनि रविशंकर प्रसाद जाम स्थल पर पहुंच कर आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े थे. स्थानीय प्रशासन के द्वारा काफी मान-मनौव्वल के बाद ग्रामीण शांत हुए और सड़क पर से जाम हटाया गया. जिसके बाद आवागमन को चालू कराया गया. जाम को लेकर आवागमन करने वाले लोग घंटों फजीहत में पड़े रहे.

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