शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है बिहारी लाल दुर्गा स्थान
बेगूसराय(नगर) : कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रा की शुरु आत हो चुकी है.आज से लेकर 9 दिनों तक पूरा माहौल भक्तिमय रहेगा.आज से लेकर विजयादशमी तक पुरे शहर की रौनक ही बदलने वाली है.हर तरफ गाने बाजे के साथ गई जय माता दी के जयकारे गूंज रही है.इसी कड़ी में हम बात करते है […]
बेगूसराय(नगर) : कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रा की शुरु आत हो चुकी है.आज से लेकर 9 दिनों तक पूरा माहौल भक्तिमय रहेगा.आज से लेकर विजयादशमी तक पुरे शहर की रौनक ही बदलने वाली है.हर तरफ गाने बाजे के साथ गई जय माता दी के जयकारे गूंज रही है.इसी कड़ी में हम बात करते है शहर के बीचो बीच स्थित हीरालाल चौक पर स्थापित बिहारी लाल दुर्गा स्थान की.कहते है यहां की भी मान्यतायें भी अलग है.शहर के बीच में रहने के कारन दिन भर इस मंदिर में भक्तांे की भीड़ लगी रहती है.और पूजा के दौरान भी यहां भक्तांे की भीड़ रहती है.
104 सालों से हो रही है माता की पूजा: बिहारी लाल दुर्गा स्थान की स्थापना सन 1912 ई में की गई थी.तब से लेकर आज तक इस मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही है.हर दिन के पूजा का विशेष महत्व रहता है यहां. स्थानीय लोगो का मानना है की यहां की पूजा ही सबसे निराली होती है. बिहारी लाल दुर्गा स्थान शक्ति पीठ के भी नाम से जाना जाता है.लोगो की मान्यता है जिन मंदिर का स्थापना के समय से 100 साल पुरे हो जाते है उन्हें शक्तिपीठ का दर्ज प्राप्त हो जाता है.और वह मांगी जाने वाली मुरादें भी जल्द ही पूरी हो जाती है.शहर के हर कोई लोग इस मंदिर में माता के चरण को प्रणाम करने को आते है.
शाम की आरती का है विशेष महत्व : लोगों का मानना है कि इस मंदिर में शाम की आरती का विशेष महत्व है. इस मंदिर में माता की दस भुजाओं वाली एक संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है, जहां भक्तों के द्वारा सुबह-शाम रोज भव्य आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों का जमावड़ा होता है. सातों दिन माता के प्रसाद में कुछ-न-कुछ अलग तैयार किया जाता है.और उसी प्रसाद को आरती में आने वाले भक्तों के बीच बांटा जाता है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
इस मंदिर की एक अलग ही पहचान है.मेले के दौरान विभिन्न जिले के लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं.खास करके माता के विसर्जन के दौरान भक्तों की भीड़ लगी रहती है.
गोपाल जी,अध्यक्ष