राेजाना 350 रुपये कमाने वाले बढ़ई मिस्त्री के खाते से 3 अरब 33 करोड़ का ट्रांजेक्शन, IT ने भेजा नोटिस

बेगूसराय : बिहारमेंबेगूसराय केबरौनी थानाक्षेत्र के निंगा मेंसाढ़े तीन सौ रुपये रोजाना कमाने वाले एकबढ़ई मिस्त्रीको आयकर विभागकीओरसेसाढ़े तीन अरब रुपये के ट्रांजेक्शनका नोटिस भेजनेका सनसनीखेज मामला प्रकाशमेंआया है. जानकारी के मुताबिकबढ़ई मिस्त्रीकाकामकरने वाले सुधीर कुमार शाह को असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, सर्किल-2 कीआेरसे 28 सितंबर को आयकर विभाग एक्ट- 1961 सेक्शन 147/48 के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2016 2:11 PM

बेगूसराय : बिहारमेंबेगूसराय केबरौनी थानाक्षेत्र के निंगा मेंसाढ़े तीन सौ रुपये रोजाना कमाने वाले एकबढ़ई मिस्त्रीको आयकर विभागकीओरसेसाढ़े तीन अरब रुपये के ट्रांजेक्शनका नोटिस भेजनेका सनसनीखेज मामला प्रकाशमेंआया है. जानकारी के मुताबिकबढ़ई मिस्त्रीकाकामकरने वाले सुधीर कुमार शाह को असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, सर्किल-2 कीआेरसे 28 सितंबर को आयकर विभाग एक्ट- 1961 सेक्शन 147/48 के तहत कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा गया है.

एक न्यूज चैनल के वेबवाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में आयकर विभाग के एकअधिकारीकेअनुसार कॉमोडिटी ट्रांजेक्शन के कारण उक्त व्यक्ति को विभाग की तरफ से नोटिस भेजा गया है. जिसमें यह दिखाया गया है कि वर्ष 2014-15 में सुधीर कुमार साह के खाते से 3 अरब 33 करोड़ दो लाख चौदह हजार 323 रुपये का लेनदेन किया गया है.

मामला संदेहपूर्ण, जांच जारी
हालांकि मामला संदेहपूर्ण है जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है. दूसरी ओर रिपोर्ट के मुताबिकआयकर विभाग के एक वरीय पदाधिकारी नेअनुसार, सुधीर साह को नोटिस जाने के बाद उसने आयकर कार्यालय कुछ चौंकाने वाली जानकारी दी. जिससे पूरा मामला उलझ गया है जिसकी जांच की जा रही है.

नौकरी देने के नाम पर बनवाया गया पैनकार्ड
उधर, रिपोर्ट के मुताबिक सुधीरशाहकाकहना है कि जामनगर में एक कंपनी में नौकरी देने के नाम परउसेएक व्यक्ति ने पैनकार्ड बनाने को कहा. उसी व्यक्ति ने पैनकार्ड बनाने के लिए आवेदन भी दिया लेकिन पैनकार्ड उसके हाथ नहीं आया. उसे सिर्फ पैनकार्ड के साथ मिलने वाला एक लेटर दिया गया. सुधीरशाह ने बताया कि बरौनी थाना क्षेत्र स्थित हरपुर के इलाहबाद बैंक में उसका एक मात्रखाता है जो जनधन योजना के तहत खुलवाया गया है.

पैनकार्ड के दुरूपयोग की आशंका
रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग के एक पदाधिकारी का कहना है कि मामला 2012-13 का है और ऐसा लगता है कि उक्त व्यक्ति के पैनकार्ड का दुरूपयोग किया गया है. ऐसा भी मुमकिन है कि सुधीर शाह के फर्जी खाता खोल कर उसके जाली हस्ताक्षर और बैंक की मिली भगत कर कॉमोडिटी ट्रांजेक्शन किया गया है.

वहीं, सूत्रों केहवाले से बतायागया है कि चेक पर निकासी के लिए सुधीरशाह के ही हस्ताक्षर हैं. जिसके एवज में इसेउसे कुछ राशि भी दी जाती थी. इन सबके बीचआयकरविभाग की टीम इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.

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