जट-जटिन में दिखा अंधविश्वास का कड़वा सच

आहुति नाट्य अकादमी का दो िदवसीय नाट्य उत्सव शुरू कुंदन कुमार के निर्देशन में नाटक जट-जटिन की प्रस्तुति की गयी बेगूसराय : आहुति नाट्य अकादमी बेगूसराय ने मंगलवार को अपने दो दिवसीय नाट्य उत्सव का उद्घाटन किया.नाट्य उत्सव के पहले दिन गोदरगांवा स्थित देवी वैदेही सभागार में जट-जटिन नाटक का मंचन किया गया. इसी कड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2016 4:59 AM

आहुति नाट्य अकादमी का दो िदवसीय नाट्य उत्सव शुरू

कुंदन कुमार के निर्देशन में नाटक जट-जटिन की प्रस्तुति की गयी
बेगूसराय : आहुति नाट्य अकादमी बेगूसराय ने मंगलवार को अपने दो दिवसीय नाट्य उत्सव का उद्घाटन किया.नाट्य उत्सव के पहले दिन गोदरगांवा स्थित देवी वैदेही सभागार में जट-जटिन नाटक का मंचन किया गया. इसी कड़ी में युवा रंग निदेशक कुंदन कुमार के निर्देशन में नाटक जट-जटिन की प्रस्तुति की गयी. जट-जटिन आम आदमी की कहानी है. यह बिहार की लोक संस्कृति पर आधारित है. इसमें जट-जटिन दोनों मुख्य किरदार हैं. यह नाटक बिहार की लोक संस्कृति पर आधारित है.
इसमें जट-जटिन नृत्य नाटिका की अपनी अलग पहचान है. मान्यता रही है कि बारिश नहीं होने पर गांव की महिलाएं मेढ़क को ओखल में डालकर उसे समाठ से कूटती हुई गीत गाती थीं और उनके इस कार्य से बारिश होने लगती थी. कई जगह पर यह परंपरा आज भी मौजूद है. जट-जटिन दोनों पति-पत्नी हैं. घर में दोनों में नोंकझोक होती रहती है. एक बार जट गुस्से में जटिन को पीट देता है. जटिन मायके चली जाती हैं. दोनों परेशान रहते हैं. फिर दोनों के आपसी सुलह से दोनों खुशी-खुशी रहने लगते हैं. इन्हें एक लड़का होता है. बेरोजगार जट कमाने के लिए मोरंग जाता है. जटिन घर में अकेली रहती है. एक दिन बेटे की तबीयत खराब हो जाती है. उसके इलाज के लिए जटिन भगत के पास जाती है. भगत झाड़-फूंक करता है. लेकिन उसका बच्चा ठीक नहीं होता है. फिर वैद को बुलाता है. उनकी दवा से बच्चा से ठीक हो गया. उसके बाद वह अंधविश्वास से सावधान रहने के लिए मुहिम शुरू कर देती है.
कार्यक्रम का उद्घाटन ख्याति प्राप्त चित्रकार सीताराम, वरिष्ठ रंगकर्मी दीपक सिन्हा एवं अकादमी सचिव रामानुज प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया. विदित हो कि अकादमी अपने नाटकों में 45 मिनट, मैकबेथ, मेन विदाउट शैडो, डाकघर, समझौता आदि नाटकों से अपनी पहचान बना चुकी है. मैकबेथ एवं समझौता का मंचन रंग महोत्सव नयी दिल्ली में हो चुका है. धन्यवाद ज्ञापन अकादमी सचिव रामानुज प्रसाद सिंह ने किया.

Next Article

Exit mobile version