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दो माह बाद भी छौड़ाही में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल नहीं

छौड़ाही : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विगत चार नवंबर को करेंट से सावंत निवासी मो सद्दाम की मौत के बाद आक्रोशित भीड़ द्वारा हमला कर की गयी तोड़-फोड़ की घटना के दो माह बाद भी क्षेत्र की एक बड़ी आबादी के लिए पुन: स्वास्थ्य सेवाएं बहाल नहीं हो सकी है. घटना के […]

छौड़ाही : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विगत चार नवंबर को करेंट से सावंत निवासी मो सद्दाम की मौत के बाद आक्रोशित भीड़ द्वारा हमला कर की गयी तोड़-फोड़ की घटना के दो माह बाद भी क्षेत्र की एक बड़ी आबादी के लिए पुन: स्वास्थ्य सेवाएं बहाल नहीं हो सकी है. घटना के बाद से जिस हालत में पीएचसी था उसी तरह से सारे सामान बिखरे पड़े हैं. इसकी सुधि लेने वाला भी कोई नहीं है. पीएचसी पर हुए हमले के बाद नेताओं की एक बड़ी फौज घटनास्थल से लेकर मृतक परिवार के घर पहुंच मातमपुरसी की,और फिर से स्वास्थ्य सेवा बहाल करने को लेकर तमाम दावे वादे किये,लेकिन स्थिति जस की तस बनी है.

भूतबंगला बना हुआ है पीएचसी:बंद पड़ा पीएचसी अब भूत बंगला बना हुआ है. और वहां प्रतिनियुक्त चार होमगार्ड के जवान पीएचसी की दीवारों की सुरक्षा में लगे हुए हैं. यहां पदस्थापित डॉ से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का पदस्थापन या फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कहां काम हो रहा है,कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है.
घटना के बाद मिला है सिर्फ आश्वासन :पीएचसी पर हमले की खबर फैली तो सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने पीएचसी निरीक्षण के साथ मृतक के घर पहुंच मातमपुरसी की.पीएचसी की दुर्दशा देख सबने हमले की तीखी निंदा की और फिर से स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने का आश्वासन भी दिया. लेकिन आज तक उसका कोई नतीजा नहीं निकल सका.पीएचसी में तोड़फोड़ की घटना के बाद
बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह, बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा, भाजपा के वरिष्ठ नेता सह बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार, जिला परिषद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सुभान, राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद डॉ तनवीर हसन,बछवाड़ा के विधायक रामदेव राय पीएचसी के हालात का जायजा लिया. और उपस्थित लोगों को यह स्पष्ट किया कि इसे सरकार विभाग से मिलकर पुन: चालू कराने का भरसक प्रयास होगा. लेकिन घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी पीएचसी चालू करने की दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया गया .
सीएस ने किया था निरीक्षण, दिये थे खोदाबंदपुर से टैग करने के संकेत :घटना के बाद बेगूसराय के सिविल सर्जन हरिनारायण सिंह,डीपीएम शैलेश चंद्र सहित स्वास्थ विभाग के बड़े अधिकारियों ने छौड़ाही पहुंचकर हालात का जायजा लिया. तब इन लोगों ने कहा था कि फिलहाल इसे चालू कर पाना संभव नहीं है . इस पीएचसी को खोदाबंदपुर में टैग किया जायेगा. वहीं से फिलहाल लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी. लेकिन फिलहाल छौड़ाही में पदस्थापित स्वास्थ्यकर्मी का पदस्थापन एवं स्वास्थ्य सेवाओं की वैकिल्पक व्यवस्था का कोई स्पष्ट रुप नहीं दिख पा रहा है.अब सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पदस्थापित कर्मचारी एवं स्वास्थ्य कर्मी कहां बैठते हैं,और इनकी ड्यूटी कहां है,और वहां कौन से काम हो रहे हैं.
दोषियों पर कार्रवाई को लेकर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने किया था आंदोलन :पीएचसी पर हमला कर स्वास्थ्यकर्मियों से की गयीअभद्र व्यवहार एवं धक्का-मुक्की को लेकर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ 22 एवं 23 नवंबर 16 को प्रखंड मुख्यालय पर राज्यध्यक्ष शशिकांत राय के नेतृत्व में कर्मचारियों की सुरक्षा, पीएचसी हमले के दोषी को चिह्नित कर कार्रवाई, करने एवं अन्य मांगों को लेकर धरना =प्रदर्शन किया था. उसके बाद 30 नवंबर 2016 को जिला समाहरणालय पर भी महासंघ द्वारा बड़ा धरना दिया गया था.
जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की पीएचसी को फिर से चालू करने की मांग :भाकपा अंचल मंत्री गुणेशवर सहनी,रालोसपा के प्रखंड अध्यक्ष राजीव रंजन राय,सीपीआइ के शाखा मंत्री प्रणव कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश यादव, रामपदारथ राय समेत दर्जनों नेताओं ने हमले के दोषी पर कार्रवाई करने एवं गरीब, दलित, दलित क्षेत्र होने के एक मात्र पीएचसी को फिर से चालू कराने की मांग जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से की है.
अब तक पांच आरोपितों पर हुई है कार्रवाई
पीएचसी पर हमले के बाद आने वाले तमाम नेताओं ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई एवं इसे चालू करने की बात करते रहे.कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने 22 नवंबर 2016 को सावंत गांव निवासी मो. हन्नान को गिरफ्तार कर जेल भेजा.वहीं तीन दिसंबर 2016 को चार आरोपितों के विरुद्ध पुलिस ने सावंत गांव पहुंच कर कुर्की का इश्तेहार चिपकाया.उसके बाद आरोपित मो.इशाक,मो सद्दाम,मो.नसीबुल,मो.सदाब ने मंझौल न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. उसके बाद से समय बीतता जा रहा है,और पीएचसी हमले की तरफ से सभी का ध्यान हटता जा रहा है.बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अज्ञात भीड़ पर प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के कारण पुलिस भी आरोपितों को चिन्हित करने में विलंब कर रही है.

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