सिमरिया गंगा घाट पर श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी

सुरक्षा के थे कड़े बंदोबस्त बीहट : मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सिमरिया घाट पर उमड़ पडी. 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया. सूर्य और मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शनिवार की अहले सुबह दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने सिमरिया घाट पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2017 12:09 AM

सुरक्षा के थे कड़े बंदोबस्त

बीहट : मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सिमरिया घाट पर उमड़ पडी. 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया. सूर्य और मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शनिवार की अहले सुबह दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने सिमरिया घाट पर हर-हर गंगे की जयकारे के साथ श्रद्धा व भक्ति के साथ गंगा में डुबकी लगायी. स्नानोपरांत श्रद्धालुओं ने घाट स्थित विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पूरे वर्ष परिवार की सुख-शांति की कामना की एवं तिल,गुड़,चावल,चूड़ा आदि का दान किया. कड़ाके की ठंड के बाद भी बेगूसराय के अलावा समस्तीपुर,दरभंगा मधुबनी,लखीसराय,शेखपुरा सहित आसपास के जिलों से श्रद्धालु पहुंचे थे.
समृद्धि का पर्व है मकर संक्रांति:सिमरिया स्थित सर्वमंगला के स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने मकर संक्रांति को समृद्धि का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज के दिन चूड़ा-दही ,तिल, गुड़ और खिचड़ी का स्वाद है, तो माघ स्नान का पुण्य भी है. इस दिन तिल और गुड़ से बनी चीजों का दान तथा सेवन करने से लाभ होता है. हिंदू धर्म में इस पर्व का काफी महत्व है. इस पर्व से हिंदूओं के सारे मांगलिक व पवित्र कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं.
मकर संक्रांति का है पौराणकि महत्व :ब्रह्मांड को प्रकाशमान करने के लिए भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर जीव-जंतु,वनस्पति एवं मानव प्राणियों का उद्भव हो जाता है. उत्तरायण उदित सूर्य सभी प्राणियों को मनोवांछित फल देते हैं. वैदिक साहित्य एवं पुराणों के अनुसार सृष्टि की रचना एक अरब वर्ष पूर्व उत्तरायण सूर्य होने के पश्चात तथा मानव के विकास का स्वरूप बदला एवं सृष्टि का विकिसत रूप आया. मकर राशि में सूर्य जब प्रवेश करता है,उस काल को मकर संक्रांति कहा जाता है. इसी काल को उत्तरायण सूर्य भी कहा जाता है. सत्य युग में राजा भागीरथ के कठिन तपस्या से प्रभावित होकर शिवालिक से माता गंगा का अवतरण हुआ तथा गंगा सागर में समावेश हुआ. भगवान सूर्य मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण में प्रवेश करते हैं. इस शुभ दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है.
सुरक्षा के कड़े थे बंदोबस्त :मकर संक्रांति को लेकर सिमरिया गंगा घाट पर होने वाले भीड़ को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे. गंगा घाटों पर जहां बैरिकेडिंग की गयी थी. वहीं एसडीआरएफ की टीम भी पूरी मुस्तैदी के साथ लगी हुई थी. स्थानीय पुलिस भी गंगा घाटों में गश्त लगाते देखे गये.

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